प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र से हस्तक्षेप का किया आग्रह

प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र से हस्तक्षेप का किया आग्रह

प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र से हस्तक्षेप का किया आग्रह
Modified Date: November 19, 2024 / 08:05 pm IST
Published Date: November 19, 2024 8:05 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बीच, मंगलवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस मुद्दे से निपटने के लिए केंद्र से आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया और कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नैतिक जिम्मेदारी है।

राय ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति देने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बार-बार किये गए अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की है और वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को इस संबंध में फिर से पत्र लिखेंगे।

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री राय ने कहा, ‘‘दिल्ली में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना के चौथे चरण (ग्रैप-4) के तहत प्रतिबंध लागू हैं और हम वाहन जनित एवं औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या में कमी लाने के उद्देश्य से निजी वाहनों और ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।’’

 ⁠

राय ने कहा, ‘‘हम धुंध को कम करने के उपायों पर विचार करने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं। कृत्रिम बारिश, विचारार्थ समाधानों में से एक है, जो प्रदूषकों को कम करने और हवा को साफ करने में मदद कर सकती है।’’

मंत्री ने सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘यह एक स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति है। केंद्र को संकट का हल करने के लिए हमारे साथ काम करना चाहिए और दिल्ली एवं उत्तर भारत के लोगों को राहत प्रदान करना चाहिए। यदि कोई वैकल्पिक समाधान उपलब्ध नहीं है तो केंद्र को कृत्रिम बारिश को प्राथमिकता देना चाहिए।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने और कृत्रिम बारिश के लिए ‘क्लाउड सीडिंग’ के वास्ते शीघ्र आवश्यक मंजूरी प्रदान करने का भी आग्रह किया।

राय ने कहा, ‘‘यह केवल दिल्ली के लिए नहीं है, यह उत्तर भारत में रह रहे करोड़ों लोगों स्वास्थ्य व कल्याण से जुड़ा हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एक और पत्र लिखकर उनसे आपातकालीन बैठक बुलाने का आग्रह करने वाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है लेकिन केंद्र को आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) कानपुर के विशेषज्ञों की एक बैठक बुलानी चाहिए, जिन्होंने कृत्रिम वर्षा पर व्यापक शोध किया है। इसके लिए विभिन्न केंद्रीय विभागों की अनुमति और उनसे सहयोग की आवश्यकता है।’’

राय ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार उत्तर भारत में स्वास्थ्य संकट की अनदेखी कर रही है।

राय ने कहा, ‘‘30 अगस्त, 10 अक्टूबर, 23 अक्टूबर और आज पत्र भेजे जाने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया है। उसकी यह बेरुखी निराशाजनक और परेशान करने वाली है।’’

दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आप) सरकार ने पूर्व में ‘क्लाउड सीडिंग’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ सहयोग किया था, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय सहित केंद्रीय एजेंसियों से मंजूरी न मिलने के कारण प्रक्रियागत बाधाओं के चलते इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो सकी थी।

राय ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अब चौथी बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर हितधारकों के साथ आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण बने रहने पर ‘ग्रैप-4’ लागू रहेगा।

भाषा सुभाष धीरज

धीरज


लेखक के बारे में