नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को रियल्टी प्रमुख सुपरटेक समूह के अध्यक्ष और प्रवर्तक आर. के. अरोड़ा की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने धनशोधन मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने ईडी को नोटिस जारी किया और मामले को 21 फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
अरोड़ा ने 24 जनवरी के निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसने उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
उनके वकील ने अदालत की अर्जी पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि वह पिछले छह महीने से हिरासत में हैं।
निचली अदालत ने कहा था कि उनकी पिछली जमानत याचिका 22 जुलाई, 2023 को खारिज कर दी गई थी और उसके बाद परिस्थितियों में कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ है।
अभियोजन की शिकायत ईडी के लिए आरोप पत्र के बराबर है।
निचली अदालत ने 16 जनवरी को धनशोधन के मामले में अरोड़ा को चिकित्सा के आधार पर 30 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। इस आदेश को पहले ही उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा चुकी है और निर्णय लंबित है।
अरोड़ा को ईडी ने 27 जून, 2023 को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।
सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों और प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन का मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकियों से उत्पन्न हुआ है।
ईडी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और उसके समूह की कंपनियों के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात तथा जालसाजी के लिए दर्ज 26 प्राथमिकियों की जांच की जा रही है। उन पर कम से कम 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।
भाषा सुरेश पवनेश
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