अधिकारी मजनू का टीला इलाके में बने अवैध कैफे और रेस्तरां पर कार्रवाई करें : दिल्ली उच्च न्यायालय

अधिकारी मजनू का टीला इलाके में बने अवैध कैफे और रेस्तरां पर कार्रवाई करें : दिल्ली उच्च न्यायालय

अधिकारी मजनू का टीला इलाके में बने अवैध कैफे और रेस्तरां पर कार्रवाई करें : दिल्ली उच्च न्यायालय

Katni Accident News/ Image Source : IBC24

Modified Date: December 24, 2025 / 09:41 pm IST
Published Date: December 24, 2025 9:41 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के मजनू का टीला क्षेत्र में स्वीकृत भवन योजना और सुरक्षा उपायों के बिना संचालित किये जा कैफे, बार और रेस्तरां के खिलाफ कार्रवाई करें।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उस याचिका का निस्तारण कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यमुना नदी के किनारे मजनू का टीला क्षेत्र में स्थित बहुमंजिला इमारतों में विभिन्न अनधिकृत रेस्तरां संचालित किये जा रहे हैं और इन इमारतों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।

अदालत ने संज्ञान लिया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा पहले ही स्वतः संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की जा चुकी है और कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता की शिकायतों की समीक्षा करने के बाद कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए याचिका का निस्तारण करते हैं।’’

 ⁠

इसमें यह भी निर्देश दिया गया कि डीडीए द्वारा दायर शिकायत में जो भी निर्णय और कार्रवाई आवश्यक हो, उसे शीघ्रता से, अधिमानतः तीन महीने के भीतर अमल में लाया जाए।

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति गेडेला ने टिप्पणी की कि दिल्ली विश्वविद्यालय के आधे छात्र वहां (मजनू का टीला कैफे और रेस्तरां में) मौजूद रहते हैं और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि समय पर कार्रवाई की जाए।

मुख्य न्यायाधीश ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘मोमोज की रेहड़ी को छोड़कर, बाकी सब कुछ हटा दिया जाएगा।’’

अदालत अर्नव सिंह और एक अन्य व्यक्ति द्वारा उन इमारतों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्वीकृत भवन योजनाओं के बिना इन्हें संचालित किये जाने का आरोप लगाया गया था।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में