दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएचएलएफ के प्रवर्तक कपिल वधावन को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएचएलएफ के प्रवर्तक कपिल वधावन को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएचएलएफ के प्रवर्तक कपिल वधावन को जमानत देने से इनकार किया
Modified Date: August 4, 2025 / 10:23 pm IST
Published Date: August 4, 2025 10:23 pm IST

नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन को 34,926 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में सोमवार को जमानत देने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराध न केवल विशिष्ट पीड़ितों के खिलाफ जुर्म हैं, बल्कि समग्र वित्तीय प्रणाली के खिलाफ अपराध हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया कि डीएचएफएल के प्रवर्तक और अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) के रूप में वधावन 17 बैंकों के ‘कंसोर्टियम’ से लगभग 34,926 करोड़ रुपये की हेराफेरी और गबन से जुड़ी एक बड़ी धोखाधड़ी का मुख्य साजिशकर्ता है।

 ⁠

अदालत ने आदेश में कहा, “यह उल्लेखनीय है कि हिरासत के दौरान आवेदक (आरोपी) का आचरण पूरी तरह से उचित नहीं रहा है। न्यायिक हिरासत में रहते हुए मूल्यवान संपत्तियों की हेराफेरी और लेन-देन से जुड़े आरोप गंभीर हैं, और ये दर्शाते हैं कि आवेदक का अब भी नियंत्रण और प्रभाव है।”

न्यायाधीश ने कहा, ‘अदालत ऐसे व्यक्ति को रिहा करने की अनुमति नहीं दे सकती जो प्रथम दृष्टया गहरे वित्तीय धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड है, खासकर तब जब मुकदमा प्रारंभिक चरण में है।’

आदेश में कहा गया है कि अगर आवेदक को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह सुबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या न्याय से भाग सकता है।

वधावन को 19 जुलाई 2022 को इस मामले में हिरासत में लिया गया था और तीन दिसंबर 2022 को उसे ‘डिफ़ॉल्ट’ जमानत दे दी गई थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 24 जनवरी 2024 को उसकी जमानत रद्द कर दी थी।

भाषा नोमान अविनाश

अविनाश


लेखक के बारे में