दिल्ली उच्च न्यायालय ने द्वारका क्षेत्र में पेड़ों की छंटाई करने का निर्देश दिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने द्वारका क्षेत्र में पेड़ों की छंटाई करने का निर्देश दिया
नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी के प्राधिकारियों को द्वारका क्षेत्र में पेड़ों की छंटाई करने का बुधवार को निर्देश दिया और साथ ही एमसीडी की ‘‘निष्क्रियता’’ की ओर भी ध्यान दिलाया।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि पेड़ों की छंटाई पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा, ‘‘अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। पैदल यात्रियों और सड़क का इस्तेमाल करने वाले अन्य लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए पेड़ों की देखभाल और हल्की छंटाई आवश्यक है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि जब भी भारी बारिश होती है, पेड़ गिरने, संपत्ति और जान-माल की क्षति की खबरें आती हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम प्राधिकरण को निर्देशों का पालन करने का निर्देश देते हैं। हमने एक जान गंवाई है। एमसीडी के लिए इससे बड़ी आंख खोलने वाली बात और क्या हो सकती है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि मानसून के दौरान, जब भी भारी बारिश होती है, पेड़ों के गिरने की कई घटनाएं सामने आती हैं, जिससे जान-माल दोनों को नुकसान होता है। तथ्यों के आधार पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और दो मई की अधिसूचना में निहित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना चाहिए।’’
पीठ की यह टिप्पणी उस जनहित याचिका पर आई, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के बावजूद संबंधित अधिकारी पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि पेड़ों की सूखी शाखाओं और अन्य हिस्सों के गिरने से संपत्ति और जान-माल का नुकसान हुआ है और सड़कों और पैदल मार्गों पर आवाजाही बाधित हुई है।
पीठ ने जनहित याचिका के साथ दायर तस्वीरों की जांच की और पेड़ों की छंटाई के लिए अधिकारियों से ‘‘तत्काल ध्यान’’ देने का आह्वान किया।
अदालत ने कहा, ‘‘जब पेड़ों की छंटाई आदि की बात आती है तो हम अधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर चिंतित हैं। पेड़ों की छंटाई के लिए अधिकारियों का तत्काल ध्यान आकर्षित किया जाता है। संपत्ति और मानव जीवन को होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए पेड़ों के सूखे हिस्सों को काटा जाना चाहिए।’’
पीठ ने संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दक्षिण पश्चिम जिले के द्वारका क्षेत्र में 10 दिन के भीतर सर्वेक्षण करें ताकि पता चल सके कि कितने पेड़ों की छंटाई की जानी है।
पीठ ने कहा, ‘‘सर्वेक्षण पूरा होने के चार सप्ताह के भीतर द्वारका में पेड़ों की छंटाई का काम पूरा कर लिया जाये।’’
भाषा देवेंद्र पवनेश
पवनेश

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