दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी घटाने पर विचार करने का निर्देश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी घटाने पर विचार करने का निर्देश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी घटाने पर विचार करने का निर्देश दिया
Modified Date: December 24, 2025 / 04:14 pm IST
Published Date: December 24, 2025 4:14 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए जीएसटी परिषद को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द बैठक करे और ‘एयर प्यूरीफायर’ पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने या समाप्त करने पर विचार करे।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले को 26 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया, ताकि संबंधित प्राधिकरणों की ओर से पेश वकील अदालत को यह बता सकें कि परिषद कब बैठक कर सकती है।

इससे पहले, आज उच्च न्यायालय ने अधिकारियों द्वारा ऐसी ‘‘आपात स्थिति’’ में एयर प्यूरीफायर पर कर में छूट देने के लिए कुछ भी न किए जाने पर नाराज़गी जताई, जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

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अदालत एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि एयर प्यूरीफायर को ‘‘चिकित्सा उपकरण’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाए और उन पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए। फिलहाल एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि घर के अंदर स्वच्छ हवा तक पहुंच अब स्वास्थ्य और जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य हो गई है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘घर के अंदर सुरक्षित हवा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य हो चुके एयर प्यूरीफायर जैसे उपकरण पर उच्चतम जीएसटी दर लगाना आबादी के बड़े हिस्से के लिए इन्हें आर्थिक रूप से पहुंच से बाहर कर देता है और इस प्रकार यह एक मनमाना, अविवेकपूर्ण और संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य बोझ डालता है।’’

भाषा गोला दिलीप

दिलीप


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