नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वैकल्पिक वन क्षेत्र के निर्माण के लिए ‘‘केवल 0.23 एकड़’’ भूमि चिह्नित किये जाने को लेकर बुधवार को शहर के सरकारी अधिकारियों की खिंचाई की और संबंधित प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर कार्यवाही में शामिल होने को कहा।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने पूछा कि क्या अधिकारियों ने ‘‘समस्या की गंभीरता’’ को नहीं समझा है। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि अदालती कार्यवाही कोई ‘‘मजाक’’ नहीं है और अधिकारी ‘‘व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे हैं’’ और फिर भी अदालत उदार रही है।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘क्या यह एक मजाक है? आपने केवल 0.23 एकड़ की पहचान की है… 0.23 एकड़ वैकल्पिक वन है? हमें कुछ हरियाली क्षेत्र दिखाओ….आप व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि विभाग हरित आवरण, ‘‘हरित दिल्ली निधि’’ के इस्तेमाल, वन भूमि पर अतिक्रमण, वन के लिए वैकल्पिक भूमि की पहचान के संबंध में मुद्दों को हल करने में विफल रहा है और यह अदालत के आदेशों की ‘‘पूरी तरह से अवहेलना’’ कर रहा है।
अदालत ने आदेश दिया, ‘‘प्रमुख सचिव, वन विभाग जिम्मेदार व्यक्ति है। प्रमुख सचिव को सभी जानकारी के साथ 10 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ने का निर्देश दिया जाता है।’’
अदालत ने विभाग में रिक्त पदों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि रिक्तियां हैं तो समयसीमा पूरी नहीं की जा सकती, जो ‘‘दिल्ली के लोगों के लिए उचित नहीं है।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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