दिल्ली उच्च न्यायालय ने 15वीं प्रेस परिषद के गठन को लेकर पीसीआई, केंद्र से जवाब मांगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 15वीं प्रेस परिषद के गठन को लेकर पीसीआई, केंद्र से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 15वीं प्रेस परिषद के गठन का अनुरोध करने संबंधी मुंबई प्रेस क्लब की याचिका पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) और केंद्र से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका पर भारतीय प्रेस परिषद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने 26 मई को यह निर्देश पारित किया और सुनवाई 10 जुलाई के लिए निर्धारित की है।
याचिका में पीसीआई के अध्यक्ष को बिना किसी देरी के 15वीं प्रेस परिषद का गठन करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अदालत में पीसीआई का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी और अधिवक्ता टी सिंहदेव ने किया।
मुंबई प्रेस क्लब द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि पीसीआई एक अर्ध-न्यायिक निकाय है, जिसे भारत में प्रेस के सुचारू और नैतिकतापूर्ण कामकाज की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है।
पीसीआई, जिसका सामान्यतः तीन वर्ष का कार्यकाल होता है, में एक अध्यक्ष (उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश) और 20 चुने गए सदस्य होते हैं, जो श्रमजीवी पत्रकारों, संपादकों, समाचार पत्रों के मालिकों और समाचार एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा आठ मनोनीत सदस्य होते हैं, जिनमें पांच सांसद तथा कानून और कला के तीन विशेषज्ञ शामिल हैं।
याचिका में कहा गया है कि 14वीं प्रेस परिषद का कार्यकाल आठ अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गया था, लेकिन नयी प्रेस परिषद, जिसे सामान्यतया निर्बाध रूप से कार्यभार संभाल लेना चाहिए था, का गठन अभी तक नहीं हुआ है, जबकि आठ महीने बीत चुके हैं।
याचिका में कहा गया है, ‘‘पत्रकारों, संपादकों और मीडिया संस्थानों के मालिकों के संघों से नामांकन प्राप्त करने के साथ प्रेस परिषद के गठन की प्रक्रिया एक साल पहले नौ जून 2024 को शुरू हुई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से यह पूरी नहीं हो पाई है।’’
भाषा सुभाष सुरेश
सुरेश

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