मच्छरों का प्रजनन रोकने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज दिल्ली उच्च न्यायालय

मच्छरों का प्रजनन रोकने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज दिल्ली उच्च न्यायालय

मच्छरों का प्रजनन रोकने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से नाराज दिल्ली उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: March 25, 2022 8:38 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए कानून में संशोधन और जुर्माना बढ़ाने में सरकार की विफलता पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त की।

अदालत ने पहले मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने का निर्देश दिया था। अब अदालत ने उन्हें इस मामले में की गई कार्रवाई को लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि यदि वह ऐसा करने में नाकाम रहे तो उन्हें 22 अप्रैल को अगली सुनवाई में पेश होना होगा।

अदालत ने कहा, “हमने मुख्य सचिव को जुर्माना बढ़ाने के पहलू पर गौर करने समेत कई निर्देश दिये थे। दुर्भाग्य से किसी भी निर्देश को गंभीरता से नहीं किया गया है और हमारे अनुरोध को अनसुना कर दिया गया।”

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की विशेष पीठ ने कहा, ”हम मुख्य सचिव को इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं, जिसमें विफल रहने पर उन्हें अगली सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होना होगा।”

इससे पहले, अदालत को सूचित किया गया कि सजा बढ़ाने और दिल्ली नगर अधिनियम की धारा 482 और एनडीएमसी अधिनियम की धारा 390 में संशोधन का प्रस्ताव अभी भी दिल्ली सरकार के पास विचार के लिए लंबित है।

फिलहाल अपने आस-पास साफ-सफाई नहीं रखने और मच्छरों को पनपने देने वाले लोगों पर 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

भाषा जोहेब अनूप

अनूप


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