दिल्ली पुलिस ने सीमा पार साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, तीन गिरफ्तार |

दिल्ली पुलिस ने सीमा पार साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, तीन गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीमा पार साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, तीन गिरफ्तार

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Modified Date: February 4, 2025 / 09:34 PM IST
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Published Date: February 4, 2025 9:34 pm IST

नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सीमा पार साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है और उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी कंबोडिया, थाईलैंड, कनाडा और अन्य देशों में बैठे साइबर अपराधियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर डिजिटल गिरफ्तारी और निवेश धोखाधड़ी में शामिल थे।

अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के तहत, पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जाने वाले ‘सेशन इनिशिएशन प्रोटोकॉल’ (एसआईपी) नंबर और टर्मिनल को भी नष्ट कर दिया।

एसआईपी एक सिग्नलिंग प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग वॉयस कॉल, वीडियो कॉन्फ्रेंस और इंस्टेंट मैसेजिंग जैसे मल्टीमीडिया सेशन को स्थापित करने, प्रबंधित करने और समाप्त करने के लिए किया जाता है।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) (बाहरी उत्तर) निधिन वलसन ने कहा कि यह सफलता राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर 94,000 रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी के संबंध में शिकायत दर्ज होने के बाद मिली।

अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता को 19 दिसंबर, 2024 को एक नंबर से कॉल आया जिसमें आरोपियों ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया।

उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों ने झूठा दावा किया कि उसके मोबाइल नंबर का अवैध गतिविधियों के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है और भुगतान न करने पर उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि परिणामों के डर से, उसने यूपीआई के माध्यम से विभिन्न नामों के खातों में धन हस्तांतरित कर दिया।

शिकायत के बाद, बाहरी उत्तरी जिले के साइबर पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।

डीसीपी ने बताया कि ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ का इस्तेमाल करते हुए पुलिस ने साइबर अपराधियों का पता लगाया और अजयदीप (32), अभिषेक श्रीवास्तव (34) तथा आशुतोष बोरा (30) को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि बी.टेक और एमबीए स्नातक अजयदीप, जो पहले एक एनजीओ के लिए काम करता था, ने एसआईपी ट्रंक कॉल सेवाओं के लिए लखनऊ में एक कार्यालय किराये पर लिया था जबकि कंप्यूटर और सीसीटीवी उपकरण की मरम्मत में प्रशिक्षित अभिषेक ने एसआईपी आधारित बुनियादी ढांचे की स्थापना में सहायता की थी।

इसने बताया कि गुरुग्राम से कानून का छात्र आशुतोष अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के लिए मुख्य सूत्रधार था। वह कंबोडिया, थाईलैंड और कनाडा में सक्रिय साइबर अपराधियों के लिए एसआईपी सेवाएं मुहैया कराता था और अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोहों से सीधे जुड़ा हुआ था।

अधिकारी ने बताया कि अजयदीप और अभिषेक को 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया जबकि आशुतोष को दो फरवरी को पकड़ा गया।

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के पीछे इंदौर के षडयंत्रकर्ता मोहम्मद अली के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अली पर कई देशों में धोखाधड़ी के मॉड्यूल का समन्वय करने का संदेह है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)