Delhi Police team reached Brij Bhushan Singh house

बृजभूषण सिंह के घर पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम, 12 लोगों से की पूछताछ, और फिर….

Police reached Brij Bhushan Singh house : कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के केस में दिल्ली पुलिस

Edited By :   Modified Date:  June 6, 2023 / 09:45 AM IST, Published Date : June 6, 2023/9:45 am IST

नई दिल्ली : Police reached Brij Bhushan Singh house : कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के केस में दिल्ली पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। दिल्ली पुलिस की एक टीम सोमवार रात को बृजभूषण सिंह के लखनऊ और गोंडा स्थित घर पर पहुंची। SIT ने बृजभूषण के घर पर मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के घर और उनके साथ काम करने वाले लोगों के नाम-पते और पहचान पत्र साक्ष्य के तौर पर जुटाए हैं। हालांकि, इस पूछताछ के बाद पुलिस की टीम वापस दिल्ली लौट आई।

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

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दर्ज हो चुके है 137 लोगों के बयान

Police reached Brij Bhushan Singh house :  बृजभूषण के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इन शिकायतों के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए हैं। पहली प्राथमिकी नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर है। इसमें पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी FIR अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। इन मामलों में पुलिस की जांच जारी है। पुलिस ने अब तक 137 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

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पहलवानों ने लगाए हैं ये आरोप

Police reached Brij Bhushan Singh house :  – दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में 6 पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।

– दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पांच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं।

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