दिल्ली दंगे: एक व्यक्ति को मिली जमानत

दिल्ली दंगे: एक व्यक्ति को मिली जमानत

दिल्ली दंगे: एक व्यक्ति को मिली जमानत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: December 29, 2020 11:06 am IST

नयी दिल्ली, 29 दिसम्बर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि घटना की कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है और पीड़ित ने पहली बार जब बयान दर्ज कराया था, तब आरेापी की पहचान भी नहीं की थी।

अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश अमिताभ रावत ने ओसामा को 25,000 रुपये के मुचलके तथा इतनी ही जमानती राशि जमा कराने का निर्देश देते हुए, उसे जमानत दे दी।

मामला मौजपुर चौक पर हुई एक घटना से जुड़ा है।

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अदालत ने कहा कि पीड़ित ने मार्च में जब पहला बयान दर्ज कराया था, तब ओसामा को उसने पहचाना नहीं था, लेकिन अप्रैल में उसने आरोपी की पहचान अवैध भीड़ के सदस्य के तौर पर की।

अदालत ने 19 दिसम्बर को सुनाए आदेश में कहा, ‘‘ नौ मर्च 2020 को रोहित द्वारा दर्ज कराए बयान में आवेदक की पहचान नहीं की गई। हालांकि एक अप्रैल 2020 को दर्ज कराए बयान में उसने कहा कि 24 फरवरी 2020 को रात करीब डेढ़ बजे दो समूहों के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। भीड़ में, सोनू चिकना और उसके भाई आतिर और ओसामा भी नारेबाजी कर रहे थे।’’

अदालत ने कहा, ‘‘ उसने कहा कि भीड़ हिंसक हो गई और पथराव करने लगी। इस भीड़ में से 24-25 साल के एक लड़के, जिसके बाल लाल रंग के थे और जिसने लाल रंगी की टी-शर्ट , नीला पजामा पहना था और मुंह पर रुमाल बांध रखा थ, उसने पिस्तौल निकाली और उसे मारने की कोशिश की। उसने गवाह, जिसकी बांयी जांघ पर चोट आई है, उसे भी गोली मारी। इसके बाद, वह लड़का भाग गया।’’

उसने कहा, ‘‘ इसकी कोई सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद नहीं है।’’

अदालत ने ओसामा को सबूतों से छेड़छाड़ ना करने और बिना अनुमति के दिल्ली से बाहर ना जाने का निर्देश भी दिया है।

उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच झड़प के बाद 24 फरवरी को साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी। इसमें कम से कम 53 लोग मोर गए थे और करीब 200 लोग घायल हुए थे।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश


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