दिल्ली: 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद वाहन चोर पकड़ा गया, चार लग्जरी कारें बरामद

दिल्ली: 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद वाहन चोर पकड़ा गया, चार लग्जरी कारें बरामद

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  • Publish Date - August 26, 2025 / 07:35 PM IST,
    Updated On - August 26, 2025 / 07:35 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) दिल्ली से 100 किलोमीटर दूर हरियाणा के मुरथल तक पीछा करने के बाद कथित तौर पर वाहन चोरी के कई मामलों में शामिल एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यहां एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि जब पुलिस आरोपी का पीछा कर रही थी, तो उसने चोरी की एसयूवी से पुलिसकर्मियों को टक्कर मारने का प्रयास भी किया।

पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान पंजाब के अमृतसर निवासी अमनदीप सिंह के रूप में हुई है, जिसे एक संयुक्त टीम ने पकड़ लिया और उसके पास से चोरी की एक ‘फॉर्च्यूनर’ गाड़ी बरामद की गई, जबकि उसकी निशानदेही पर बाद में पंजाब से तीन और लग्जरी गाड़ियां बरामद की गईं।

पुलिस उपायुक्त (मध्य) निधिन वलसन ने कहा, ‘‘29 जुलाई को पांडव नगर से एक इनोवा कार चोरी होने का मामला सामने आया था। जांच में पता लगा कि इसमें सिंह की संलिप्तता है, जो महंगे वाहन चुराने वाले गिरोह में शामिल है।’’

अधिकारी ने बताया कि आरोपी 11 अगस्त की रात दिल्ली से चोरी की गई एक फॉर्च्यूनर गाड़ी लेकर पंजाब की ओर जा रहा था, तभी पुलिस को इसकी सूचना मिली, जिसके बाद एक संयुक्त टीम ने लगभग 100 किलोमीटर तक उसका पीछा किया।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा, ‘‘हरियाणा के मुरथल टोल प्लाजा पर सिंह ने उन पुलिसकर्मियों को कुचलकर भागने की कोशिश की, जो दिल्ली से उसका पीछा करते हुए उसके वाहन के आगे आ गए थे। इसके बाद वह गाड़ी छोड़कर आस-पास के खेतों में छिप गया, लेकिन कई घंटे तक जारी तलाशी अभियान के बाद उसे पकड़ लिया गया।’’

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने के प्रयास के संबंध में मुरथल में एक अलग मामला दर्ज किया गया।

पूछताछ के दौरान, सिंह ने वाहन चोरों के एक बड़े गिरोह में अपनी भूमिका का कथित रूप से खुलासा किया और ये गिरोह एक अनोखी कार्यप्रणाली अपनाते थे।

उन्होंने बताया, ‘सबसे पहले गिरोह के सदस्य ऐसे लग्ज़री वाहनों की पहचान करते थे जिनमें इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा प्रणाली लगी होती थी और वे उनकी विंडस्क्रीन पर लगे होलोग्राम की तस्वीर खींचते थे। इस होलोग्राम में एक विशेष कोड होता था, जिसे दुबई में बैठे एक तकनीकी विशेषज्ञ को भेजा जाता था। वह विशेषज्ञ उसे ‘डिकोड’ कर एक नया कोड तैयार करता था और उसे वापस गिरोह को भेज देता था। फिर नए कोड के अनुसार तैयार किए गए विशेष उपकरणों की मदद से गिरोह के सदस्य कार का शीशा तोड़ते, सुरक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी करते और वाहन लेकर फरार हो जाते थे।’’

गिरोह में सिंह की भूमिका मुख्य रूप से चोरी की गई गाड़ियों को दिल्ली से पंजाब ले जाकर आगे बेचने की थी। उसकी निशानदेही पर जांचकर्ताओं ने पंजाब से तीन अन्य लग्ज़री कारें – दो हुंडई क्रेटा और एक किआ सेल्टोस – बरामद कीं।

पुलिस के अनुसार, सिंह एक आदतन अपराधी है और दिल्ली में चोरी, जालसाजी और धोखाधड़ी के नौ मामलों में शामिल रहा है।

भाषा यासिर दिलीप

दिलीप