दिल्ली: यमुना नदी का पानी घरों में घुसा, लोग आशियाने छोड़ने पर मजबूर
दिल्ली: यमुना नदी का पानी घरों में घुसा, लोग आशियाने छोड़ने पर मजबूर
(तस्वीरों के साथ)
(श्रुति भारद्वाज)
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) खाटें गहरे मटमैले बाढ़ के पानी में तैर रही थीं, जबकि परिवार घुटनों तक गहरी धाराओं में अपनी मेहनत की कमाई सिर पर रखकर आगे बढ़ रहे थे। यह दृश्य मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में यमुना के किनारे देखा गया जो खतरे का निशान पार कर गई है।
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र मदनपुर खादर में किसान अपनी आखिरी फसल को बचाने की कोशिश करते नजर आए, जबकि बाकी फसल नष्ट हो चुकी थी।
किसान रामशंकर ने कहा, ‘‘हम इसलिए जा रहे हैं क्योंकि जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है और खेत जलमग्न हो गए हैं।’’उन्होंने रुआंसे होते हए कहा, ‘‘ मेरे चाचा ने फसल की बुआई में बहुत मेहनत की थी, लेकिन सब कुछ बर्बाद हो गया। अब हम और क्या कर सकते हैं।’’
यमुना में आई बाढ़ ने कई लोगों की जमीन और फसल को ही अपनी चपेट में नहीं लिया बल्कि उन्हें उनके आशियानों को भी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है।
मदनपुर खादर के एक निवासी ने कहा, ‘‘पानी खेतों में घुस गया है और हमारी झोपड़ियां भी पानी में डूब गई हैं। पुलिस हमें वहां से हटने के लिए कहने आई थी, लेकिन हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।’’
एक अन्य किसान, विकास ने बताया कि उनके परिवार की आजीविका छिन गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता सब्जियां उगाते हैं और हमारा परिवार खेती पर निर्भर है। हमारे आधे से ज्यादा खेत पानी में डूबे हुए हैं और जलस्तर अब भी बढ़ रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि सुबह आठ बजे पुराने यमुना पुल पर नदी का जलस्तर 205.8 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी ने नदी को और विकराल रूप दे दिया है।
अधिकारी नावों से घोषणाएं कर रहे हैं तथा नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का अनुरोध कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम लगातार निवासियों से बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों को खाली करने का आग्रह कर रहे हैं। सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।’’
यमुना पार के इलाकों में रात भर हुई बारिश के बाद घरों में पानी घुस गया। मयूर विहार और आस-पास की कॉलोनियों में रहने वालों को सुबह सड़कों पर पानी भरा और घरों में फर्नीचर भीगा हुआ दिखाई दिया।
बाढ़ की वजह से अपने घरों को छोड़ने को मजबूर लोग यथासंभव अपने सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं क्योंकि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, और अपने पीछे अनिश्चितता का एक निशान छोड़ रहा है।
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा

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