महिला कैब चालकों की नई पहल, लैंगिक पहचान के साथ आगे बढ़ने के लिए कर रहीं ऐसा काम

Delhi women cab drivers: दिल्ली सरकार के कार्यक्रम के तहत कैब चलाने का प्रशिक्षण हासिल करने वाली कुछ महिला ड्राइवर नौकरी शुरू करने के बाद नयी लैंगिक पहचान के साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रही हैं।

महिला कैब चालकों की नई पहल, लैंगिक पहचान के साथ आगे बढ़ने के लिए कर रहीं ऐसा काम

Preparing to move forward with new gender identity, female cab drivers are doing such work

Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: October 15, 2022 9:37 pm IST

नई दिल्ली। Delhi women cab drivers: दिल्ली सरकार के कार्यक्रम के तहत कैब चलाने का प्रशिक्षण हासिल करने वाली कुछ महिला ड्राइवर नौकरी शुरू करने के बाद नयी लैंगिक पहचान के साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रही हैं। इंजीनियरिंग की छात्रा रूमन गहलोत अपनी खुद की कैब सेवा चला रही हैं और इन महिला वाहन चालकों की मदद कर रही हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 15 अगस्त को महिला कैब चालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

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Delhi women cab drivers: कार्यक्रम के तहत सभी महिला चालकों को ड्राइविंग एवं यातायात अनुसंधान संस्थान की ओर से नि: शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, और परिवहन विभाग व कैब कंपनियां 50-50 प्रतिशत के आधार पर प्रशिक्षण का खर्च वहन करते हैं। गहलोत ने कहा, “मैंने दिल्ली सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रशिक्षण ले रहीं लगभग 163 महिलाओं में से 63 ने अपना लिंग बदलने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू की है। फिलहाल मेरी कंपनी ऑर्बिन फियाक्रे प्राइवेट लिमिटेड में 15 महिला ड्राइवर और पांच ट्रांसजेंडर काम करते हैं।” उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हों। साथ ही वह उन लोगों की मदद करना चाहती हैं, जो एक नई पहचान को अपनाना चाहती हैं।

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Delhi women cab drivers: गहलोत ने कहा, “कई ड्राइवर मुझे बताती हैं कि उनके परिवार वाले साथ नहीं दे रहे और उन्हें महिलाएं मानते हैं। परिवार वाले कहते हैं कि उन्हें कमाना शुरू कर देना चाहिए, जिसके बाद उनकी शादी कर दी जाएगी। लेकिन वे ऐसा नहीं चाहतीं।” उन्होंने कहा, “इसके अलावा, कई बार, इन हालात में लोगों को भीख मांगने और अन्य गतिविधियों में धकेल दिया जाता है। इससे उन्हें पैसे तो मिल जाते हैं, लेकिन कोई सम्मान नहीं मिलता। हम उन्हें नौकरी के अवसर प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।” गहलोत ने कहा कि फिलहाल उनकी कैब से कारोबारियों और हवाई अड्डे पर आने-जाने वाले लोगों को लाया, ले जाया जाता है। जनवरी 2023 तक वह 10 इलेक्ट्रिक कैब और लाने की योजना बना रही हैं। दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों पर कैब बुकिंग केंद्र स्थापित करने की भी उनकी योजना है।

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Delhi women cab drivers: क्मा और दिल्ली सरकार के प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं में से एक महिला ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार को पुरुष बनने की इच्छा के बारे में बताया, लेकिन उन्हें समझ नहीं आया। क्षमा ने कहा, ‘मैंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, लेकिन मैं अपने ‘ऑन-रोड’ परीक्षण का इंतजार कर रही हूं, जिसके बाद मुझे काम पर रखा जाएगा। मुझे कक्षा 8 से ही एक महिला होना पसंद नहीं है। मैं एक पुरुष बनना चाहती हूं। काम पर रखे जाने के बाद, मैं अपना लिंग बदलवाने के लिए सर्जरी करवाना चाहती हूं। मैंने पहले ही हार्मोन थेरेपी शुरू कर दी है, लेकिन आगे की प्रक्रिया के लिए मुझे पैसे की जरूरत है।”

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Delhi women cab drivers: नौकरी मिलने के बाद क्षमा अपना नाम बदलकर अलंकार करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने परिवार को बताया है लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। नौकरी मिलने के बाद, मैं पैसा कमाना चाहती हूं और अपनी पहचान बदलना चाहती हूं। अगर मेरा परिवार मुझे स्वीकार नहीं करता है, तो मैं अपने रास्ते चलूंगी।’ कैब ड्राइविंग की ट्रेनिंग लेने के अलावा, क्षमा दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विद्यालय से ग्रेजुएशन भी कर रही है। महिला के रूप में पैदा हुए सरस अपनी पहचान एक पुरुष के तौर पर बताते हैं। वह फिलहाल गहलोत के अधीन काम कर रहे हैं, और एक पुरुष बनने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने कंपनी में काम करने वाली एक महिला से भी शादी कर ली है। यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है।’

 


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