कोनोकार्पस प्रजाति के पेड़ों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग

कोनोकार्पस प्रजाति के पेड़ों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग

कोनोकार्पस प्रजाति के पेड़ों पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग
Modified Date: August 29, 2025 / 06:57 pm IST
Published Date: August 29, 2025 6:57 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय की ओर से अधिकृत केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने चेतावनी दी है कि कोनोकार्पस प्रजाति के पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं तथा इन्हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

कोनोकार्पस तेजी से बढ़ने वाली एक विदेशी प्रजाति है, जिसके पेड़ भारत में सड़कों के किनारे की जगहों और शहरी स्थानों को हरा-भरा एवं सुंदर बनाने के लिए व्यापक रूप से लगाए जाते हैं।

शीर्ष अदालत को सौंपी गई 40 पन्नों की रिपोर्ट में सीईसी ने कोनोकार्पस प्रजाति के पेड़ को “पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुपयुक्त” करार दिया है। समिति ने कहा है कि इसके अनियंत्रित प्रसार से जैव विविधता, भूजल, बुनियादी ढांचे और मानव स्वास्थ्य के समक्ष गंभीर खतरा पैदा होता है।

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गुजरात ने सितंबर 2023 में कोनोकार्पस पर प्रतिबंध लगा दिया था तथा इस प्रजाति के पौधों को नर्सरी में लगाने पर भी निषेध लगा दिया गया था।

भाषा पारुल माधव

माधव


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