देवेगौड़ा ने सरकार को राष्ट्र गीत वंदे मातरम् को 150 गायन शैली में रिकार्ड करने का सुझाव दिया

देवेगौड़ा ने सरकार को राष्ट्र गीत वंदे मातरम् को 150 गायन शैली में रिकार्ड करने का सुझाव दिया

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  • Publish Date - December 9, 2025 / 05:45 PM IST,
    Updated On - December 9, 2025 / 05:45 PM IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार को सुझाव दिया कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसे 150 विभिन्न गायन शैली में रिकार्ड करवाया जाना चाहिए।

उच्च सदन में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चर्चा में भाग लेते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि वंदे मातरम् ऐसा गीत है जिसने भारतीय की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसे भले ही बांग्ला में लिखा था किंतु इसमें इतने संस्कृत शब्द हैं कि इसे देश के अन्य भागों में आसानी से अपना लिया गया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार को सुझाव दिया कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस गीत को 150 विभिन्न गायन शैलियों, संगीत और परंपरा के अनुसार गवाया जाए और रिकार्ड किया जाए।

देवेगौड़ा ने कहा कि इस गीत की आत्मा ने देश को पूर्व में ही नहीं, आज भी एकजुट कर रखा है। उन्होंने कहा कि इतने गीत लिखे गये किंतु कुछ ही गीत ऐसे होते हैं जो देश को छू जाते हैं और उसका कारण उनके शब्द नहीं, बल्कि गाने की आत्मा होती है।

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में माना जाता है कि आत्मा कभी नहीं मरती, उसी तरह इस गीत की आत्मा शाश्वत है। उन्होंने इस अवसर पर कर्नाटक राज्य के गीत का भी जिक्र किया।

देवेगौड़ा ने कहा कि भारत में आज जितने भी राज्यों के गीत हैं, वे वंदे मातरम् से प्रेरित होकर लिखे गये हैं।

भाषा

माधव मनीषा

मनीषा