धामी ने दोषियों को सख्त सजा दिलाने का एंजेल चकमा के पिता को आश्वासन दिया
धामी ने दोषियों को सख्त सजा दिलाने का एंजेल चकमा के पिता को आश्वासन दिया
देहरादून, 29 दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की देहरादून में कथित तौर पर हुई कथित हत्या के बाद उपजे आक्रोश के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को उसके पिता से फोन पर बातचीत कर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया ।
इस बीच, विभिन्न दलों के नेताओं ने पूर्वोत्तर राज्यों के विद्यार्थियों के साथ नफरत के आधार पर अपराध को खत्म करने के लिए समग्र प्रयास का आह्वान किया।
राहुल गांधी और विपक्षी दलों के अन्य नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि एमबीए छात्र एंजेल चकमा (24) की हत्या सत्ताधारी दल द्वारा नफरत को ‘सामान्य बनाने’ और ‘विभाजनकारी मानसिकता’ को बढ़ावा देने का परिणाम है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मांग की कि उच्चतम न्यायालय हस्तक्षेप करे और न्याय सुनिश्चित करे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि यह क्रूर हत्या ‘राष्ट्रीय कलंक’ है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और धार्मिक नेताओं को पूर्वोत्तर के लोगों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि ‘चुप रहना संलिप्तता होगी।’
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने इस हत्या पर ‘दुख और आक्रोश’ व्यक्त किया तथा लोगों से इस तरह की ‘मानसिकता’ से एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी घटना ‘बेहद शर्मनाक’ है और देश को नुकसान पहुंचाती है।
जब उनसे राहुल गांधी एवं अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा इस घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराये जाने के बारे में पूछा गया, तो रीजीजू ने कहा, ‘‘ यह ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर राजनीति की जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे पूर्वोत्तर हो या देश का कोई अन्य हिस्सा, किसी भी अन्य क्षेत्र के व्यक्ति को नस्ल, धर्म, जाति और रंग-रूप के आधार पर इस तरह के भेदभाव का शिकार क्यों होना चाहिए?’’
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश को नस्लवाद और घृणा अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं एक राष्ट्रीय कानून की जरूरत है।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मांग की कि मामले की समयबद्ध तरीके से जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि पूरे देश को यह संदेश दिया जा सके कि ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नफरत से प्रेरित अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘देहरादून में एंजेल चकमा और उसके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयावह घृणा अपराध है। नफरत रातोंरात पैदा नहीं होती। वर्षों से इसे रोजाना, खासकर हमारे युवाओं को, जहरीली सामग्री और गैर-जिम्मेदार बयानों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। और सत्ताधारी भाजपा के नफरत फैलाने वाले नेतृत्व द्वारा इसे सामान्य बना दिया गया है।’’
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि यह त्रासदी मुख्यभूमि भारत के कुछ हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों को झेलनी पड़ रही निरंतर चुनौतियों को उजागर करती है।
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि देहरादून में क्रूर नस्ली दुर्व्यवहार के बाद त्रिपुरा के छात्र की मौत ‘दिल दहला देने वाली और अस्वीकार्य’ है। उन्होंने धामी से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया, ताकि न्याय मिल सके।
उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए तत्काल आर्थिक सहायता स्वीकृत करते हुए चार लाख रुपये से अधिक की पहली किस्त जारी कर दी।
उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि चकमा की मौत उसकी रीढ़ की हड्डी और सिर में लगी घातक चोट की वजह से हुई।
धामी ने एंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बातचीत कर उसकी हत्या पर दु:ख व्यक्त किया और कहा कि इस घटना से वह व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं और उनके परिवार के दुख को समझ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में देश-विदेश से बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं और यहां कभी इस प्रकार का माहौल नहीं रहा। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह घटना हम सबके लिए भी कष्टदायक है।’’
धामी ने कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने तरुण चकमा को जानकारी दी कि घटना के संबंध में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि एक अन्य आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है और उस पर इनाम घोषित करते हुए उसे भी गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि घटना के संबंध में उनकी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात हुई है।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है।
उन्होंने कहा कि परिवार की सहायता के लिए वह डॉ. साहा से बातचीत करेंगे और साथ ही उत्तराखंड सरकार भी परिवार की हरसंभव सहायता करेगी।
यहां एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए अंतिम वर्ष के 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा को नौ दिसंबर को कुछ युवकों द्वारा कथित तौर पर चाकू और कड़े से वार कर गंभीर रूप रूप से घायल कर दिया गया था। अस्पताल में 17 दिन तक भर्ती रहने के बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गयी थी
उसके पिता तरुण ने आरोप लगाया कि उनके बेटे पर ‘क्रूरतापूर्वक हमला’ किया गया था, जब उसने अपने भाई का बचाव करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि एंजेल नस्ली गालियों का सामना कर अपने भाई को बचाने की कोशिश कर रहा था, हमलावरों ने उसे ‘चीनी’ कहा था।
एंजेल के पिता मणिपुर के तंगजेंग में बीएसएफ जवान हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता स्वीकृत करते हुए पहली किस्त के रूप में 4,12,500 रुपये का चेक भेज दिया।
पीड़ित परिवार को यह आर्थिक सहायता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार सरंक्षण अधिनियम 1955 के तहत स्वीकृत की गई है।
बाद में यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने एंजेल चकमा की नृशंस हत्या को अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘यह केवल एक छात्र की मृत्यु नहीं, बल्कि एक परिवार के सपनों और उम्मीदों का असमय अंत है।’’
उन्होंने एंजेल के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उसके पिता से बातचीत में उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके बेटे के सभी हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।
धामी ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कानून-व्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा उत्तराखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के अनुसार कठोरतम दंड दिलाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड एक शांत, समावेशी और सौहार्दपूर्ण राज्य है और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि देश के प्रत्येक कोने से आने वाले छात्र यहां सुरक्षित महसूस करें।’’
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में अध्ययनरत पूर्वोत्तर सहित सभी बाहरी राज्यों के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ठोस और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि एंजेल चकमा की मौत उसकी रीढ़ की हड्डी एवं सिर में घातक चोट लगने की वजह से हुई। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने कहा कि एंजेल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंगलवार को मिल जाएगी, लेकिन उसकी मौत की वजह स्पष्ट रूप से उसकी रीढ़ की हड्डी एवं सिर में घातक चोट लगना है।
उन्होंने बताया कि एंजेल की अन्य मेडिकल रिपोर्ट मिल चुकी हैं।
एंजेल की हत्या में कथित रूप से शामिल छह आरोपियों में से पांच को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है, जबकि नेपाल के कंचनपुर जिले का रहने वाला यज्ञराज अवस्थी फरार है, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है और उसकी तलाश की जा रही है।
पांच में से दो आरोपी नाबालिग हैं, जबकि गिरफ़्तार तीन आरोपियों की पहचान फिलहाल देहरादून में रह रहे मणिपुर निवासी सूरज ख्वास (22) अविनाश नेगी (25) और सुमित (25) के रूप में हुई है ।
भाषा दीप्ति राजकुमार दिलीप
दिलीप

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