धनंजय मुंडे, उनके सहयोगी वाल्मिक कराड ने चुनाव से पहले मुझसे मुलाकात की थी: जरांगे

धनंजय मुंडे, उनके सहयोगी वाल्मिक कराड ने चुनाव से पहले मुझसे मुलाकात की थी: जरांगे

धनंजय मुंडे, उनके सहयोगी वाल्मिक कराड ने चुनाव से पहले मुझसे मुलाकात की थी: जरांगे
Modified Date: February 3, 2025 / 03:10 pm IST
Published Date: February 3, 2025 3:10 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, तीन फरवरी (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले अपने सहयोगी वाल्मिक कराड के साथ उनसे मुलाकात की थी।

बीड जिले में मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में कराड को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में है।

कराड की गिरफ्तारी के बाद से मुंडे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री उसी जिले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक हैं।

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विपक्ष, सरपंच की हत्या की निष्पक्ष जांच के लिए मुंडे को हटाने की मांग कर रहा है।

देशमुख का अपहरण करने के बाद नौ दिसंबर 2024 को हत्या कर दी गई थी क्योंकि वह बीड में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि आरोपी कृष्णा आंधले अभी भी फरार है।

यह पूछे जाने पर कि क्या मुंडे उनसे मिलने आए थे, जरांगे ने सोमवार को कहा, ‘‘चुनाव (विधानसभा) के दौरान हर कोई मुझसे मिल रहा था। वह (मुंडे) मेरे पास आए थे और उस समय वाल्मिक कराड भी उनके साथ थे।’’

कार्यकर्ता ने कहा कि उस समय विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया ही चल रही थी। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पिछले साल नवंबर 2024 में हुए थे।

छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में उपचार कराने के दौरान जरांगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने सोचा था कि मैं उनसे न मिलूं लेकिन वे बाहर इंतजार कर रहे थे। फिर मैं उनसे मिलने गया। वहां, मुंडे ने मुझे उनके (कराड) बारे में बताया।’’

जरांगे ने कहा कि उन्होंने फिर मुंडे से पूछा कि क्या कराड वही है जो ‘हार्वेस्टर’ मशीन खरीदने के इच्छुक कुछ लोगों के रुपयों के गबन में संलिप्त था।

उन्होंने बैठक की जगह के बारे में जानकारी नहीं देते हुए दावा किया, ‘‘मैंने (कराड) उन्हें गेवराई के एक कार्यकर्ता के माध्यम से लोगों के रुपये वापस करने को कहा। कार्यकर्ता कराड को भी जानता था। मैं उनका नाम जानता था और बाद में जब वह धनंजय मुंडे के साथ मिलने आए, तो मैं उनसे मिला।’’

सरपंच हत्या मामले के आरोपी आंधले के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने आरोप लगाया कि उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है इसीलिए अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह एक ही गिरोह है। वह (मुंडे) और दूसरा (कराड) एक साथ एक तस्वीर में दिखाई दे रहे हैं। वे (सरपंच मामले में जांच) गुमराह कर रहे हैं।’’

जरांगे ने दावा किया कि हो सकता है कि आंधले को पास के इलाके में ही छिपा कर रखा गया हो।

कार्यकर्ता ने ज्यादा जानकारी दिए बिना कहा, ‘‘उन्हें छिपाकर रखा गया है, क्योंकि हो सकता है कि उन्हें कुछ राज पता हों जिससे सच्चाई सामने आ सकती है।’’

सरपंच की हत्या एक तरह से जातिगत मामला भी बन गया है क्योंकि देशमुख मराठा थे, जबकि अधिकांश आरोपी वंजारी समुदाय से हैं जो बीड क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है।

विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के कुछ नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए वंजारी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की है कि उनके सहयोगी कराड और हत्या मामले के बीच संबंध है।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले जरांगे ने 30 जनवरी को पांच दिन तक विरोध दर्ज कराने के बाद अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया और दावा किया था कि सरकारी प्रतिनिधियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी कई मांगें स्वीकार की जाएंगी।

भाषा खारी नरेश

नरेश


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