Dhirendra Shastri Full Interview: ‘कट्टरपंथ का मतलब है अपनी संस्कृति का प्रचार करना, हिंसा नहीं, अपनी रक्षा करना’.. धर्म-जाति की सियासत पर धीरेन्द्र शास्त्री का बड़ा बयान..
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा, "मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हमने इसका समर्थन किया था। लेकिन जब मैं कहता हूँ 'आई लव महादेव', तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। और दूसरी बात, 'सर तन से जुदा' जैसे बयान न दें।
Dhirendra Shastri ANI Interview || Image- ANI NEWS File
- कट्टरपंथ का मतलब है संस्कृति का प्रचार
- हिंसा नहीं, विचारों की लड़ाई में विश्वास
- धर्म-जाति की राजनीति से देश हो रहा नुकसान
Dhirendra Shastri ANI Interview: नई दिल्ली: धर्म और आध्यात्मिक गुरु व हिन्दू प्रवचनकर्ता धीरेन्द्र शास्त्री ने ANI के साथ साक्षात्कार में देश की मौजूदा सियासत पर कई बड़े बयान दिए है। उन्होंने देश में बढ़ते धार्मिक कट्टरपंथ पर कहा है कि, “अगर कट्टरपंथ में किसी के ख़िलाफ़ हिंसा शामिल नहीं है, तो ठीक है। कट्टरपंथ का मतलब हिंसा नहीं है, इसका मतलब है अपनी रक्षा करना। अगर कट्टरपंथ के नाम पर आप गला काटते हैं, मंदिर-मस्जिद तोड़ते हैं, देवताओं के झंडे फाड़ते हैं, रामचरित मानस और रामायण जलाते हैं, गायों की हत्या करते हैं, राम के अस्तित्व का प्रमाण मांगते हैं, तो यह मूर्खता है। यह मूर्खता है। कट्टरपंथ का मतलब है अपनी संस्कृति का प्रचार करना। संविधान में यह क़ानून है कि आप अपनी संस्कृति, अपने सनातन का खुलकर प्रचार कर सकते हैं।”
‘आई लव मोहम्मद’ मामले पर दिया बड़ा बयान
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा, “मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हमने इसका समर्थन किया था। लेकिन जब मैं कहता हूँ ‘आई लव महादेव’, तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। और दूसरी बात, ‘सर तन से जुदा’ जैसे बयान न दें। यह देश के कानून के खिलाफ है। यह देश के संविधान के खिलाफ है। हमारे अब तक के सभी बयान देखिए। हमने बस एक ही बात कही है। हम तलवारबाज़ी में विश्वास नहीं रखते। हम विचारों की लड़ाई में विश्वास रखते हैं।”
Dhirendra Shastri ANI Interview: दिवाली पर्व में पटाखों पर प्रतिबन्ध पर कहा, ‘किसी ने बयान दिया कि पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं। हम इससे सहमत हैं, लेकिन पटाखे क्रिसमस के दिन, 1 जनवरी को भी चलाए जाते हैं। जब देश क्रिकेट मैच जीतता है, तो पटाखे चलाए जाते हैं।” धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि, “हम धर्म के नाम पर लड़ रहे हैं और इससे भटकाव हो रहा है। हम जातियों के नाम पर लड़ रहे हैं, जिससे देश रसातल में जा रहा है। तो क्यों न इसका कोई समाधान निकाला जाए- आइए हम अपना ध्यान केंद्रित करें।” नीचे देखें धीरेन्द्र शास्त्री का पूरा इंटरव्यू..

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