Munir Ahmed CRPF Wife: ‘अनुमति मिलने के बाद ही किया निकाह’ बर्खास्त सीआरपीएफ जवान खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
Munir Ahmed CRPF Wife: 'अनुमति मिलने के बाद ही किया निकाह' बर्खास्त सीआरपीएफ जवान ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
Munir Ahmed CRPF Wife: 'अनुमति मिलने के बाद ही किया निकाह' / Image Source: X
- जवान ने जानकारी छिपाई और नियमों का उल्लंघन किया
- मुख्यालय की अनुमति से की शादी, सारे दस्तावेज जमा कराए।"
- बर्खास्तगी को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे मुनीर अहमद
जम्मू: Munir Ahmed CRPF Wife: पाकिस्तानी महिला से शादी की बात “छिपाने” को लेकर सेवा से बर्खास्त किए जाने वाले केंद्रीय पुलिस रिजर्व बल (सीआरपीएफ) के जवान मुनीर अहमद ने शनिवार को दावा किया कि पिछले साल सीआरपीएफ मुख्यालय से अनुमति मिलने के करीब एक महीने बाद ही उसने पाकिस्तान की मीनल खान से निकाह किया। जम्मू के घरोटा इलाके का निवासी मुनीर अप्रैल 2017 में सीआरपीएफ में शामिल हुआ था। उसने पिछले साल 24 मई को वीडियो कॉल पर पाकिस्तान की मीनल खान से निकाह किया था। सीआरपीएफ ने पाकिस्तानी महिला से निकाह की बात “छिपाने” और उसकी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद उसे जानबूझकर शरण देने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सीआरपीएफ ने कहा है कि मुनीर का कृत्य “गंभीर कदाचार की श्रेणी में” आता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
Munir Ahmed CRPF Wife: मुनीर ने कहा कि वह सीआरपीएफ से अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देगा। उसने कहा, “मुझे अदालत से इंसाफ मिलने का पूरा भरोसा है।” मुनीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर हुई बातचीत में कहा, “मुझे शुरुआत में मीडिया में आई खबरों के जरिये अपनी बर्खास्तगी के बारे में पता चला। कुछ ही देर बाद मुझे सीआरपीएफ से एक पत्र मिला, जिसमें मुझे बर्खास्तगी के बारे में बताया गया। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक झटका था, क्योंकि मैंने मुख्यालय से एक पाकिस्तानी महिला से शादी करने की अनुमति मांगी थी और मुझे अनुमति मिल गई थी।”
मुनीर और मीनल की शादी की बात तब सामने आई, जब भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उठाए गए कूटनीतिक कदमों के तहत पाकिस्तानी नागरिकों से देश छोड़ने के लिए कहा। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। मीनल इस साल 28 फरवरी को वाघा-अटारी सीमा के जरिये भारत में दाखिल हुई थी और उसका अल्पकालिक वीजा 22 मार्च को समाप्त हो गया था। उस समय तक वह जम्मू में अहमद के घर पर ही रही थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उसे पाकिस्तान भेजने पर रोक लगा दी है और वह फिलहाल मुनीर के जम्मू स्थित आवास में रह रही है।
मुनीर ने बताया, “मैंने 31 दिसंबर 2022 को पहला पत्र लिखा, जिसमें मैंने एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी करने की अपनी इच्छा बताई। मुझसे पासपोर्ट, विवाह कार्ड और हलफनामे की प्रतियां संलग्न करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया।” उसने कहा, “मैंने अपना हलफनामा और साथ ही अपने माता-पिता, सरपंच तथा जिला विकास परिषद के सदस्य के हलफनामे उचित माध्यम से पेश किए और अंततः 30 अप्रैल 2024 को मुख्यालय से (शादी की) मंजूरी मिल गई।”
मुनीर के मुताबिक, उसने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे बताया गया कि ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है और उसने नियमों के अनुसार विदेशी नागरिक से अपनी शादी के बारे में सरकार को सूचित करके औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली हैं। मुनीर ने कहा, “हमने पिछले साल 24 मई को वीडियो कॉल पर निकाह कर लिया। इसके बाद, मैंने अपनी शादी की तस्वीरें, निकाह के कागजात और विवाह प्रमाणपत्र 72वीं बटालियन में जमा करा दिए, जहां मैं तैनात था।”
उसने कहा, “जब वह (मीनल) पहली बार 28 फरवरी को 15 दिन के वीजा पर आई थी, तब ही हमने मार्च में दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन कर दिया था और साक्षात्कार सहित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं।” मुनीर ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को अंतिम समय में उसकी पत्नी को पाकिस्तान भेजने पर रोक लगाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। मुनीर के अनुसार, वह अपनी छुट्टी की अवधि समाप्त होने पर ड्यूटी पर लौटा और उसे 25 मार्च को सुंदरबनी स्थित बटालियन मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया था।
उसने बताया, “हालांकि, 27 मार्च को मुझे स्थानांतरण आदेश थमा दिया गया और 15 दिन की अनिवार्य कार्यभार ग्रहण अवधि दिए बिना ही भोपाल (मध्यप्रदेश) में 41वीं बटालियन में तैनात कर दिया गया।” मुनीर ने कहा, “मुझे आदेश की प्रति दी गई और तुरंत कार्यमुक्त कर दिया गया, जिससे मेरे पास भोपाल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, जहां मैंने 29 मार्च को कार्यभार संभाला। वहां पहुंचने पर कमांडिंग ऑफिसर और उनके डिप्टी ने मेरा साक्षात्कार लिया और दस्तावेजीकरण प्रक्रिया भी पूरी की।” मुनीर ने कहा कि वह अपनी बर्खास्तगी के फैसले को अदालत में चुनौती देगा।

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