नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) द्रमुक के सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा में संसदीय क्षेत्रों और विधानसभाओं के परिसीमन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया और प्रश्नकाल में इसकी अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वॉकआउट किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही द्रमुक के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर परिसीमन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें प्रश्नकाल के बाद बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया।
जब द्रमुक के सदस्य अपनी मांग पर जोर देने लगे तब बिरला ने कहा, ‘‘अभी कुछ हुआ नहीं, उसके पहले ही…. (आप इसे उठा रहे हैं)। अभी जब विषय आएगा तब देखेंगे। अभी तो सालों हैं… अभी तो जनगणना हो जाए, उसके बाद देखते हैं।’’
उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘यह आपका गलत तरीका है। कोई मुद्दा तो हो।’’
इसके बाद द्रमुक सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
द्रमुक सांसद के. कनिमोझी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें (परिसीमन का) मुद्दा उठाने के लिए समय नहीं दिया गया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने परिसीमन से प्रभावित राज्य के नेताओं से बात की है। सरकार ने तमिलनाडु की चिंता पर जवाब नहीं दिया है। हमें मुद्दा नहीं उठाने दिया जा रहा है। हम इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण चाहते हैं।’’
भाषा
वैभव मनीषा
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