जयपुर: राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम के तहत दर्ज पांच मामलों में सात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी। एक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी।
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आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और मुकदमे को मंजूरी के विचाराधीन 13 मामलों का निपटारा किया। बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री शर्मा ने एक मामले में सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने और तीन मामलों में सेवारत अधिकारियों के खिलाफ वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय किया।
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उन्होंने साथ ही भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत दर्ज पांच मामलों में सात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी भी प्रदान की। हालांकि बयान में अधिकारियों के नाम और अन्य ब्यौरा नहीं दिया गया।
राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम के तहत कितने मामलों में कार्रवाई की है?
राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम के तहत पांच मामलों में सात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किस प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई की मंजूरी दी?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 13 मामलों का निपटारा करते हुए एक मामले में सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने और तीन मामलों में सेवारत अधिकारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि को रोकने का निर्णय लिया।
क्या अधिकारियों के नाम और अन्य जानकारी सार्वजनिक की गई है?
नहीं, बयान में अधिकारियों के नाम और अन्य ब्यौरा नहीं दिया गया है।
भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 क्या है?
यह अधिनियम भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानूनों और दंड का प्रावधान करता है, जिससे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सके।
राजस्थान सरकार की यह कार्रवाई किस उद्देश्य से की गई है?
यह कार्रवाई सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की रोकथाम और अनुशासनात्मक प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।