राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की शानदार जीत, रचा इतिहास, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की शानदार जीत, रचा इतिहास : Draupadi Murmu's stunning victory in the presidential election
नई दिल्लीः देश को अब आखिरकार पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिल गई है। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हरा दिया है। इस जीत के साथ ही देश भर से बधाई आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। तीसरे राउंड की गिनती में ही उन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 50 फीसदी वोट पा लिये हैं। तीसरे राउंड के वोटों की गिनती की बात करें तो इसमें कुल वोट 1,333 थे। जिनकी वैल्यू 1,65,664 थी। इसमें से मुर्मू को 812 वोट मिले। वहीं यशवंत सिन्हा को 521 वोट मिले।
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मुर्मू को करीब एक हजार से ज्यादा सांसदों के वोट हासिल हुए और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 500 के करीब सांसदों को ही अपने पक्ष में खड़ा कर सके। तीसरे राउंड की गिनती के बाद मुर्मू को 50 से ज्यादा वोट हासिल हो चुके हैं जिससे साफ है कि आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी। उनकी जीत पर बीजेपी कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं साथ ही उनके गृहराज्य ओडिशा में भी खुशी की लहर दौड़ चुकी है।
आजाद भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति
राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के साथ ही द्रौपदी मुर्मू ने सबसे बड़ा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है और वह कीर्तिमान है आजाद भारत में जन्म लेने वाली पहली ऐसी नेता जो देश की राष्ट्रपति बनी। इनसे पहले देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं वो सब के सब 15 अगस्त 1947 से पहले के पैदा हुए नेता हैं। 24 जुलाई को रिटायर होने जा रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 1947 से पहले पैदा हुए थे। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। कोविंद से पहले के सभी राष्ट्रपति का जन्म तो आजादी मिलने से करीब 2 दशक पहले यानी 1930 से पहले हुआ था। 20 जून 1958 को जन्म लेने वालीं द्रौपदी मुर्मू भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस अनोखी लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने आजादी के बाद जन्म लिया और वर्तमान में देश के दोनों शीर्ष पदों पर 1947 के बाद के पैदा हुए नेताओं का कब्जा हो गया है। 15 अगस्त 1947 से लेकर 2014 तक देश के दोनों शीर्ष पदों (राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) को संभालने वाले सभी नेताओं का जन्म आजादी से पहले ही हुआ था। हालांकि मई 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने के साथ ही आजाद मुल्क का इतिहास बदल गया क्योंकि मोदी आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री बने, लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर यह रिकॉर्ड नहीं टूटा था, लेकिन अब मुर्मू की जीत ने इस सूखे को भी खत्म कर दिया है।

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