गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से 42 फीसदी लोगों ने छोड़ा इससे खाना बनाना, सर्वे में खुलासा फिर जलाने लगे लकड़ी

गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से 42 फीसदी लोगों ने छोड़ा इससे खाना बनाना, सर्वे में खुलासा फिर जलाने लगे लकड़ी

गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से 42 फीसदी लोगों ने छोड़ा इससे खाना बनाना, सर्वे में खुलासा फिर जलाने लगे लकड़ी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: November 6, 2021 7:47 pm IST

नईदिल्ली। price of gas cylinders: पेट्रोल-डीजल की तरह ही रसोई गैस की कीमतें भी आसमान छू रहीं हैं, एक सर्वे में सामने आया है कि खास क्षेत्र में करीब 42 फीसदी लोगों ने गैस सिलिंडर का उपयोग करना ही छोड़ दिया है और वे फिर से लकड़ी से खाना बनाने लगे हैं। इधर केंद्र सरकार का दावा है कि उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को मुफ्त में गैस सिलिंडर देने के बाद गांव के लोगों की ज़िंदगी बदल गई।

‘द टेलिग्राफ’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक झारग्राम और वेस्ट मिदनापुर के लगभग 100 दूरदराज के गावों में 42 फीसदी लोगों ने गैस सिलिंडर को उठाकर किनारे रख दिया है। महामारी के दौरान वे गैस सिलिंडर का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं।

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सर्वे में बताया गया है कि झारग्राम और वेस्ट मिदनापुर के 13 ब्लॉक में 100 गांवों में 560 घरों का सर्वे किया। इसमें सामने आया कि लोग तेजी से गैस सिलिंडर पर खाना बनाना छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान लोगों ने महंगाई को अहम मुद्दा बताया।

बता दें कि उज्ज्वला योजना की शुरुआत साल 2016 में की गई थी। इसका उद्देश्य था कि ज्यादातर लोग क्लीन कुकिंग फ्यूल का इस्तेमाल करें और कई तरह की बीमारियों से उन्हें बचाया जा सके। भाजपा सरकार ने देश के 98 फीसदी लोगों को गैस सिलिंडर देने का प्रयास किया था।

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सर्वे में कहा गया है कि कुकिंग गैस के इस्तेमाल में कमी के तीन अहम कारण हैं। पहला है गैस की कीमतों मे वृद्धि, दूसरा है, उपलब्धता और तीसरा है लॉकडाउन के दौरान लोगों की आय में कमी। गैस का खर्च न वहन कर पाने की वजह से वे एक बार फिर जंगल की लकड़ी पर ही निर्भर हो रहे हैं। बहुत सारे लोगों ने गैस सिलिंडर को स्टोर रूम में रख दिया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com