मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव पुराना मुद्दा : निर्वाचन आयोग के सूत्र
मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव पुराना मुद्दा : निर्वाचन आयोग के सूत्र
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा)विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बीच निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या के दोहराव से संबंधित मामला एक ‘पुराना मुद्दा’ है और ऐसे पहचान पत्र 2008 से 2013 के बीच भी जारी किए गए थे, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग सत्ता में नहीं थी।
निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों वार्षिक मतदाता सूची अद्यतनीकरण के दौरान राज्यों को मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) में मौजूद सभी विसंगतियों को दूर करने का निर्देश दिया था।
निर्वाचन आयोग ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव के बावजूद केवल अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर ही मतदान कर सकता है।
निर्वाचन आयोग ने कहा था कि किसी भी आशंका को दूर करने के लिए, मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या (ईपीआईसी)में दोहराव के सभी मामलों को तीन महीने के भीतर सुलझा लिया जाएगा, ताकि ईपीआईसी क्रमांक के दोहराव वाले मौजूदा मतदाताओं और भविष्य के मतदाताओं के लिए भी एक अद्वितीय ईपीआईसी नंबर सुनिश्चित किया जा सके।
संसद में भी सोमवार को मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव का मुद्दा गूंजा और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की, जिस पर कई राजनीतिक दलों ने कुछ सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने शून्यकाल में कहा, ‘‘पूरा विपक्ष यह मांग कर रहा है कि मतदाता सूची पर चर्चा हो।’’
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और आरोप लगाया कि चुनाव निकाय पिछले कुछ वर्षों में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने में ‘विफल’ रहा है।
भाषा धीरज नरेश
नरेश

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