आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में बिहार के एक व्यक्ति के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में बिहार के एक व्यक्ति के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया
श्रीनगर, 30 दिसंबर (भाषा) जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा जिले की एक अदालत में अपराध शाखा के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में एक बिहार निवासी के खिलाफ उसकी अनुपस्थिति में आरोपपत्र दाखिल किया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के एक प्रवक्ता ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया है कि ‘ट्रू ड्रीम्स प्रोजेक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (टीडीपीआई) नामक कंपनी ने अपने निदेशक रणजीत प्रसाद के माध्यम से एक भर्ती अभियान चलाया और कश्मीर में 1,300 प्रशिक्षुओं का चयन किया।
प्रवक्ता के अनुसार प्रशिक्षुओं का आरोप है कि उन्हें 5,000 से 12,000 रुपये तक के मासिक वेतन का वादा किया गया था, लेकिन उनसे प्रति व्यक्ति 2,400 रुपये का पंजीकरण शुल्क जमा करने को कहा गया। टीडीपीआई ने पंजीकरण शुल्क तो वसूल लिया लेकिन प्रशिक्षुओं को कोई वेतन नहीं दिया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, प्रथम दृष्टया यह स्थापित हो गया कि कंपनी ने कथित तौर पर कई निर्दोष विद्यार्थियों को ट्यूशन और रोजगार के अवसर प्रदान करने के बहाने धोखा दिया।’’
उन्होंने कहा कि आरोपियों के कृत्य भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति सौंपने के लिए प्रेरित करना) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दंडनीय अपराध जान पड़ते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर यह जांच आरोपी रणजीत प्रसाद के खिलाफ सिद्ध हो चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि चूंकि आरोपी ने जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया तथा बिहार के गोपालगंज में उसके दिए गए पते पर वह नहीं पाया गया, इसलिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 512 के तहत कार्यवाही शुरू करते हुए उसकी अनुपस्थिति में आरोपपत्र दाखिल किया गया।
यह धारा अदालत को फरार आरोपी की अनुपस्थिति में गवाहों के बयान दर्ज करने की अनुमति देती है।
भाषा
राजकुमार पवनेश
पवनेश

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