ED Raid Lottery King Martin House: पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले के ठिकानों पर ED का छापा, इस मामले को लेकर अधिकारियों ने दी दबिश, खंगाल रहे दस्तावेज
पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले के ठिकानों पर ED का छापा, ED Raid Lottery King Martin House on Madras high Court Order in Money laundering Case
ED Raid in Jharkhand
चेन्नई: ED Raid Lottery King Martin House प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को चेन्नई के ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत फिर से उसके परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। मार्टिन ने राजनीतिक दलों को चंदे के लिए लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के तहत सर्वाधिक 1,300 करोड़ रुपये से अधिक चंदा दिया था। उसके परिसरों पर छापेमारी की यह कार्रवाई मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में ईडी को मार्टिन के खिलाफ जांच आगे बढ़ने की अनुमति देने के बाद हुई है क्योंकि तमिलनाडु पुलिस ने उसके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी को बंद करने का फैसला किया था और निचली अदालत ने पुलिस की इस याचिका को स्वीकार कर लिया था।
ED Raid Lottery King Martin House सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को चेन्नई और कुछ अन्य स्थानों पर मार्टिन से संबद्ध कई परिसरों की तलाशी ली गई। संघीय एजेंसी ने पिछले साल मार्टिन के खिलाफ केरल में राज्य लॉटरी की धोखाधड़ी से बिक्री करके सिक्किम सरकार को 900 करोड़ रुपये से अधिक के कथित नुकसान से जुड़े एक मामले में लगभग 457 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। सिक्किम लॉटरी की प्रमुख वितरक मार्टिन की कंपनी ‘फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ है और ईडी 2019 से तमिलनाडु में ‘लॉटरी किंग’ के रूप में जाने जाने वाले मार्टिन के खिलाफ जांच कर रहा है।
बता दें कि मार्टिन हाल ही में तब चर्चा में आया था जब चुनाव आयोग के आंकड़ों के माध्यम से यह बात सामने आई थी कि उसकी कंपनी (फ्यूचर गेमिंग) 2019 और 2024 के बीच राजनीतिक दलों को चंदे के लिए 1,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी खरीदार थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले महीने मार्टिन और उससे संबद्ध लोगों के खिलाफ ईडी के मामले को जारी रखने की अनुमति दी थी और निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने चेन्नई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा मार्टिन के चेन्नई स्थित घर से ‘‘बेहिसाबी’’ 7.2 करोड़ रुपये की जब्ती से संबंधित मामले में दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था।

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