प्रभावी जागरूकता से एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून के तहत दर्ज मामलों में कमी आई : स्टालिन
प्रभावी जागरूकता से एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून के तहत दर्ज मामलों में कमी आई : स्टालिन
चेन्नई, 29 मार्च (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा कि प्रभावी जागरूकता अभियान और सक्रिय उपायों के कारण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष छह फीसदी की कमी आई है।
स्टालिन ने दावा किया कि हिंसा की आशंका वाले क्षेत्रों की संख्या 2021 में 445 से 19 फीसदी घटकर 2024 में 368 रह गई है।
यहां राज्य सचिवालय में अपनी अध्यक्षता में गठित आदि द्रविड़ और आदिवासी कल्याण विभाग की राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु में 2021 में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सत्ता में आने के तुरंत बाद समिति का गठन किया गया और तीन बैठकें हुईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2022 में हिंसा पीड़ितों को दी जाने वाली मुआवजा राशि को 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया और पिछले चार वर्षों में हिंसा पीड़ित परिवारों के 421 लोगों को नौकरी तथा 649 लोगों को पेंशन दी गई है।
उन्होंने कहा कि मुआवजे के रूप में 17,098 लोगों को लगभग 207.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
स्टालिन ने कहा कि इस साल एक नयी पहल के तहत अत्याचारों की शिकायत करने, मामला दर्ज कराने में मदद करने, मामलों की वर्तमान स्थिति जानने, समाधान प्रदान करने और कानूनी सहायता देने के लिए एक सहायता केंद्र शुरू किया गया और यह अच्छी तरह से काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु में लोगों की साक्षरता दर 80.09 प्रतिशत है, जबकि आदि द्रविड़ और आदिवासियों की साक्षरता दर 73.26 फीसदी है।”
उन्होंने कहा कि आदि द्रविड़ और आदिवासियों को शिक्षा प्रदान करने तथा उनमें कौशल विकास करने के लिए किए गए प्रयासों से रोजगार हासिल करने की उनकी क्षमता में इजाफा हुआ है।
स्टालिन ने कहा कि सेमिनार और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए 117.27 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 120 ग्राम ज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने समुदाय की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि में सुधार के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी भी दी।
स्टालिन ने कहा, “बुनियादी आय सृजन गतिविधियों के जरिये महिलाओं की आजीविका में सुधार के लिए टीएएचडीसीओ के माध्यम से दी जाने वाली सब्सिडी को 2023 से ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है और इस वर्ष 140 लाभार्थियों को 8.25 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।”
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश

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