निर्वाचन आयोग के अधिकारी राज्य के अधिकारियों को धमका रहे हैं, सहन नहीं किया जायेगा: ममता

निर्वाचन आयोग के अधिकारी राज्य के अधिकारियों को धमका रहे हैं, सहन नहीं किया जायेगा: ममता

निर्वाचन आयोग के अधिकारी राज्य के अधिकारियों को धमका रहे हैं, सहन नहीं किया जायेगा: ममता
Modified Date: October 9, 2025 / 08:39 pm IST
Published Date: October 9, 2025 8:39 pm IST

कोलकाता, नौ अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग के अधिकारी उनकी सरकार के अधिकारियों को “धमका” रहे हैं और विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही ‘‘राजनीतिक प्रभाव के तहत काम’’ कर रहे हैं।

बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर ‘‘आग से खेलने’’ का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि मतदाता सूची से छेड़छाड़ का कोई भी प्रयास ‘‘लोकतंत्र के साथ विश्वासघात’’ होगा।

पश्चिम बंगाल सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’

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तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने आश्चर्य जताया कि राज्य का दौरा करने वाले निर्वाचन आयोग के अधिकारी सरकारी अधिकारियों को कैसे तलब कर सकते हैं, जबकि चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि राज्य में एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी कर रहे एक निर्वाचन आयोग अधिकारी पर “खुद कई आरोप हैं” और वह “भ्रष्ट अधिकारियों की नियुक्ति कर रहे हैं।”

उन्होंने दावा किया, ‘‘उन पर खुद भ्रष्टाचार का आरोप है और एसआईआर के बहाने वोट काटने की साजिश हो रही है; मेरे पास सबूत हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वह देश और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे।’’

बनर्जी ने दावा किया, ‘‘यह एसआईआर वैसा नहीं है जैसा दिखता है। इसका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) जैसी प्रक्रिया को लागू करने के लिए एक आवरण के रूप में किया जा रहा है।’’

भाजपा पर अपना हमला तेज करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा एसआईआर के नाम पर आग से खेल रही है। वे हर एजेंसी का इस्तेमाल राजनीति के लिए करते हैं, जनसेवा के लिए नहीं। वे शिक्षा से लेकर संस्कृति और त्योहारों तक, हर चीज का सांप्रदायिकरण कर रहे हैं।’’

एक केंद्रीय मंत्री की कथित टिप्पणी कि बंगाल में एसआईआर के बाद ‘‘1.5 करोड़ मतदाताओं को तुरंत हटा दिया जाएगा’’ पर आपत्ति जताते हुए, बनर्जी ने यह जानना चाहा कि प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही ऐसा बयान कैसे दिया जा सकता है।

वह केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर द्वारा हाल में की गई टिप्पणी का जिक्र कर रही थीं।

बनर्जी ने कहा, ‘‘एक केंद्रीय मंत्री कैसे कह सकते हैं कि 1.5 करोड़ मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएंगे? क्या वह किसी पार्टी कार्यालय में बैठकर यह फैसला ले रहे हैं? निर्वाचन आयोग को तय करना चाहिए कि वह निष्पक्ष है या नहीं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियों से उनका संदेह और मजबूत होता है कि मतदाता सत्यापन अभियान “राजनीति से प्रेरित” था।

बनर्जी ने कहा, ‘‘यदि भाजपा आग से खेलना बंद नहीं करेगी, तो आग उसे राजनीतिक रूप से खत्म कर देगी।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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