निर्वाचन आयोग सांप्रदायिक भाषणों के कारण ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोके : बाबुल सुप्रियो

निर्वाचन आयोग सांप्रदायिक भाषणों के कारण ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोके : बाबुल सुप्रियो

निर्वाचन आयोग सांप्रदायिक भाषणों के कारण ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोके : बाबुल सुप्रियो
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: April 8, 2021 10:21 am IST

(प्रदीप्त तापदार और सुप्रतिक सेनगुप्ता)

कोलकाता, आठ अप्रैल (भाषा) टॉलीगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का कहना है कि ‘‘अति कटु और सांप्रदायिक’’ भाषणों तथा बंगाल के राजनीतिक विमर्श को अब तक के ‘‘निम्नतम स्तर’’ पर ले जाने की वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोका जाना चाहिए।

आसनसोल से लोकसभा सदस्य सुप्रियो ने विपक्ष के इस दावे को खारिज किया कि भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारकर उनकी ‘‘पदावनति’’ की है।

 ⁠

उन्होंने कहा कि वह खुद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे।

सुप्रियो ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री होने के बावजूद, ममता बनर्जी जिस तरह की टिप्पणियां कर रही हैं, वह शर्मनाक है। अपने अति कटु भाषणों और सांप्रदायिक प्रचार से वह राजनीतिक विमर्श को अब तक के निम्नतम स्तर पर पहुंचा चुकी हैं। निर्वाचन आयोग को उन्हें पूरे चुनाव तक के लिए प्रचार से रोक देना चाहिए।’’

सुप्रियो ने राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन बताने के लिए बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की तथा कहा कि हर किसी को निजी हमले करने से बचना चाहिए।

जाने-माने गायक ने कहा कि राजनीति में लोगों को विचारधारा और नीतियों के मुद्दे पर लड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन विरोधियों को दुश्मन मानना, यह बदलाव, ममता बनर्जी का बंगाल की राजनीति को दिया गया उपहार है। इसे बदलना होगा और भाजपा इसे बदलेगी।’’

इन दावों कि पार्टी के कई सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘‘विवश’’ किया गया क्योंकि भाजपा के पास पर्याप्त संख्या में अच्छे उम्मीदवार नहीं थे, पर्यावरण राज्य मंत्री ने इसका जवाब ‘न’ में दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा बंगाल के सम्मान, गौरव और आत्मा के लिए लड़ रही है तथा हम सभी इसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।’’

भाजपा ने राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता सहित अपने पांच सांसदों और पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को बंगाल में विधानसभा चुनाव में उतारा है। दासगुप्ता को यहां तक कि संवैधानिक कारणों से राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा।

सुप्रियो टॉलीगंज से तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं तीन बार के विधायक और राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

यह पूछे जाने पर कि वह अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र आसनसोल से दूर तथा अधिक चुनौतीपूर्ण सीट से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं, सुप्रियो ने कहा कि वह मुश्किल सीट से लड़ना चाहते थे।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा 200 से अधिक सीट जीतकर बंगाल में सरकार बनाने जा रही है।

सुप्रियो इस सवाल को टाल गए कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में शामिल होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी, मैं अपनी सीट जीतने पर ध्यान दे रहा हूं। जहां तक आपके सवाल का संबंध है तो इस बारे में पार्टी को निर्णय करना है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। मैं अपनी पार्टी के निर्देशों का पालन करूंगा।’’

भाजपा सांसद ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में