अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के तुरंत बाद चुनावों की घोषणा होगी ताकि कानूनी तौर पर चुनौती न दी जा सके: ममता
अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के तुरंत बाद चुनावों की घोषणा होगी ताकि कानूनी तौर पर चुनौती न दी जा सके: ममता
कूच बिहार, नौ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि कानूनी चुनौतियों से बचने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद फरवरी में अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के तुरंत बाद राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा की जाएगी।
ममता बनर्जी ने कूचबिहार जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल मतदाताओं में डर उत्पन्न करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “फरवरी में एसआईआर की अंतिम सूची जारी होने के तुरंत बाद चुनाव घोषित किए जाएंगे, ताकि किसी को भी इसे कानूनी रूप से चुनौती देने का मौका न मिले। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि चुनाव उसी सूची के आधार पर हों।”
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि आयोग द्वारा चार नवंबर को एसआईआर लागू करने से लोगों के बीच डर का माहौल बन गया है और उन्हें यह आशंका है कि उनके नाम मनमाने ढंग से मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “अब हमें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी? इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है? जो लोग पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, उनसे यह साबित करने के लिए कहा जा रहा है कि वे कौन हैं।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर हमला तेज करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘अराजक और निरंकुश’ शासन चलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आई तो पार्टी बंगाल की संस्कृति, भाषा और विरासत को नष्ट कर देगी।
ममता ने यह भी दावा किया कि अगर तृणमूल कांग्रेस सरकार ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को रोक दिया होता तो केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देती।
उन्होंने आरोप लगाया, “वे (भाजपा) मौके की तलाश में थे। अगर हमने एसआईआर को रोक दिया होता, तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
पवनेश

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