भावनाओं को जरूरत से अधिक बहने की अनुमति नहीं दी जा सकतीः उच्च न्यायालय

भावनाओं को जरूरत से अधिक बहने की अनुमति नहीं दी जा सकतीः उच्च न्यायालय

भावनाओं को जरूरत से अधिक बहने की अनुमति नहीं दी जा सकतीः उच्च न्यायालय
Modified Date: June 8, 2025 / 10:41 pm IST
Published Date: June 8, 2025 10:41 pm IST

प्रयागराज, आठ जून (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने के लिए आरोपी अजीत यादव के खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी रद्द करने से मना कर दिया है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि कथित पोस्ट भावनाओं में बहकर किया गया है।

इस पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने कहा, “प्रधानमंत्री के खिलाफ याचिकाकर्ता के पोस्ट में सरकार के मुखिया के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया है।”

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अदालत ने तीन जून को दिये निर्णय में कहा, “भावनाओं को इस हद तक नहीं बहने दिया जा सकता कि इस देश के संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर उन्हें बदनाम किया जाए। यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार का प्रयोग कर प्राथमिकी में हस्तक्षेप करने का उचित मामला नहीं है, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है।”

याचिकाकर्ता अजीत यादव ने फेसबुक पर कथित रूप से तीन पोस्ट किये थे जिन्हें लेकर उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।इन पोस्ट में प्रधानमंत्री के लिए कई अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है।

भाषा राजेंद्र

राजकुमार

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