समूचा नगालैंड एएफएसपीए के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित, क्योंकि स्थिति ‘खतरनाक’: गृह मंत्रालय

समूचा नगालैंड एएफएसपीए के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित, क्योंकि स्थिति ‘खतरनाक’: गृह मंत्रालय

समूचा नगालैंड एएफएसपीए के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित, क्योंकि स्थिति ‘खतरनाक’: गृह मंत्रालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: December 30, 2020 2:00 pm IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बुधवार को समूचे नगालैंड को और छह महीनों के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया। इससे विवादास्पद एएफएसपीए कानून वहां बना रहेगा। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने तथा किसी को भी पूर्व वारंट के बिना गिरफ्तार करने का अधिकार है।

नगालैंड में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (एएफएसपीए) कई दशकों से लागू है।

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार का मानना है कि पूरा नगालैंड ऐसी ‘अशांत और खतरनाक स्थिति’ में है कि वहां नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।

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अधिसूचना के अनुसार नया आदेश 30 दिसंबर, 2020 से छह महीने की अवधि के लिए प्रभावी होगा।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हत्याएं, लूट और जबरन वसूली जारी है।

पूर्वोत्तर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विभिन्न संगठन एएफएसपीए को वापस लेने की मांग करते रहे हैं और उनका आरोप है कि इस कानून से सुरक्षा बलों को ‘व्यापक अधिकार’ मिल जाता है।

तीन अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नगा विद्रोही समूह एनएससीएन-आईएम के महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आर एन रवि द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भी एएफएसपीए को वापस नहीं लिया गया था।

शांति प्रक्रिया कुछ समय से अटकी हुई है क्योंकि एनएससीएन-आईएम एक अलग झंडे और संविधान के लिए जोर दे रहा है लेकिन केंद्र सरकार ने उस मांग को खारिज कर दिया है।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा


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