Diesel Cargo Vehicles: राजधानी में इन वाहनों की एंट्री पर बैन, टोल नाकों से होगी निगरानी, इस वजह से लिया गया फैसला
राजधानी में इन वाहनों की एंट्री पर बैन, टोल नाकों से होगी निगरानी, Entry of these vehicles is banned in the capital, toll booths will be monitored
- 1 नवंबर से बीएस-4 डीजल, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश मिलेगा।
- आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले पुराने डीजल वाहनों को 2026 तक अस्थायी छूट मिलेगी।
- 126 सीमा प्रवेश बिंदुओं और 52 टोल प्लाजा पर स्वचालित कैमरों के जरिए आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
नई दिल्ली: Diesel Cargo Vehicles: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक नवंबर से दिल्ली में बीएस-छह डीजल मानक से नीचे के सभी परिवहन और वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाने का बुधवार को आदेश दिया। आयोग ने एक आदेश में कहा कि केवल बीएस-चार डीजल, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहनों को उस तारीख से दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी, जिनमें हल्के मालवाहक वाहन (एलजीवी), मध्यम मालवाहक वाहन (एमजीवी) और भारी मालवाहक वाहन (एचजीवी) शामिल हैं।
Diesel Cargo Vehicles: सीएक्यूएम ने कहा कि यह आदेश दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐसे सभी वाहनों पर लागू होगा। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले गैर-बीएस चार वाहनों को 31 अक्टूबर, 2026 तक अस्थायी छूट दी जाएगी। उसके बाद, आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को भी स्वच्छ ईंधन को भी अपनाना होगा। सीएक्यूएम ने कहा कि वाणिज्यिक वाहन, खास तौर पर पुराने डीजल वाहन, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। खास तौर पर सर्दियों के दौरान यह समस्या बहुत बढ़ जाती है। यह निर्णय चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के अनुरूप है, जिसके तहत ज्यादा प्रदूषण वाले दिनों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
आयोग ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के परिवहन विभागों और यातायात पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सभी 126 सीमा प्रवेश बिंदुओं और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरों से लैस 52 टोल प्लाजा पर इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। सीएक्यूएम ने कहा कि सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को तिमाही अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

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