नई दिल्ली: EVM Hacking Video चुनाव चाहे विधानसभा हो या लोकसभा ईवीएम पर सवाल हर बार उठते हैं। विपक्ष हर बार हार का ठिकरा ईवीएम पर ही फोड़ती है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद कांग्रेस ने फिर से ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। वहीं, हाल ही में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने ईवीएम में हैकिंग को लेकर बड़ा खुलासा करने का दावा किया है। लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वकील और समाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने एक वीडियो शेयर कर खलबली मचा दी है।
EVM Hacking Video प्रशांत भूषण ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें एक शख्स ईवीएम से छेड़छाड़ कैसे होती है ये बताते हुए नजर आ रहे हैं। प्रशांत भूषण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि ”खुद देख लीजिए, किस तरह से, ई वी एम, और वीवीपेट मशीनों में छेड़छाड़ हो सकती है। सिंबल लोडिंग के समय जो प्रोग्राम डाला जाता है, उस समय, इस तरह से किया जा सकता है। इसीलिए ज्यादा देश और बांग्लादेश भी वापस पेपर वॉलेट की तरफ चले गये। पहले भाजपा के लोग भी पेपर बैलट की मांग करते थे। अब सत्ता में आने के बाद क्यों बदल गए? वीवीपेट मशीन का कांच काला क्यों कर दिया?”
Read More: Gwalior News: 12 साल का लड़का कर रहा था ऐसा काम, 14 साल की नाबालिग ने दर्ज कराई FIR
इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि राहुल महता आईआईटी में पढ़ा हुआ इंसान है ! और वो चुनाव आयोग को बार बार बता चुका है की में इवीएम में मेरा प्रोग्राम डाल दु तो सिर्फ़ 10 लोग की टिम से पूरे ११ लाख इवीएम को चुनाव के दिन 11 बजे के बाद जीतने प्रतिशत वोट में चाहूं उस उम्मीदवार को दे सकता हूं ! सभी वकील बंधुओं को निवेदन है की चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक बार जनता को विश्वास आये इसलिए भी इसका सोल्यूशन निकालना चाहिए !
गौरतलब है कि इससे पहले सैम पित्रोदा ने कहा था कि अभी भारत में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम मशीन कोई “स्टैंड अलोन मशीन” नहीं है। सैम का कहना है कि इसमें समस्या तब पैदा हुई, जब वीवीपैट मशीन को ईवीएम से जोड़ा गया। उन्होंने कहा, ”वीवीपीएटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना एक अलग उपकरण है।” उन्होंने कहा कि वीवीपैट को ईवीएम से जोड़ने के लिए एक विशेष कनेक्टर का उपयोग किया जाता है, जिसे एसएलयू कहा जाता है।
पित्रोदा ने कहा, “यह एसएलयू कई सवाल खड़े करता है। एसएलयू कनेक्टर ही वीवीपैट में दिखाता है कि किस बटन से वोट किस पार्टी को जाएगा। इसे मतदान से पहले प्रोग्राम किया जाता है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि एसएलयू जोड़ने के बाद ईवीएम अब अकेली मशीन नहीं रह गई है। पित्रोदा ने आगे कहा, “इसमें वो सभी तरह के काम किए जा सकते हैं, जिनकी बात की जा रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची वर्तमान में थर्मल प्रिंटर के माध्यम से जारी की जाती है और इसे केवल कुछ हफ्तों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, इसके बजाय एक प्रिंटर का उपयोग किया जाना चाहिए, जो अगले पांच वर्षों तक पर्ची को सुरक्षित रखेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी बात यह है कि यह पर्ची केवल कुछ समय के लिए मतदाता को नहीं दिखाई जानी चाहिए, बल्कि इसे एक कागज पर मुद्रित करके उसे दे दिया जाना चाहिए, जिसे वह अलग से रखे गए बक्से में वोट के रूप में डाल सके और यह बॉक्स को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कनेक्ट नहीं किया जाना चाहिए।मैं तकनीकी विशेषज्ञों के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के समक्ष ईवीएम पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना बना रहा हूं।
खुद देख लीजिए, किस तरह से, ई वी एम, और वीवीपेट मशीनों में छेड़छाड़ हो सकती है। सिंबल लोडिंग के समय जो प्रोग्राम डाला जाता है, उस समय, इस तरह से किया जा सकता है।
इसीलिए ज्यादा देश और बांग्लादेश भी वापस पेपर वॉलेट की तरफ चले गये।
पहले भाजपा के लोग भी पेपर बैलट की मांग करते थे। अब… pic.twitter.com/s73wTu13kq— Prashant Bhushan (@pbhushan1) December 27, 2023