नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की जमानत याचिका पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय से उसका रुख जानना चाहा।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने केंद्रीय जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा।
इस मामले में पिल्लई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह मार्च को गिरफ्तार किया था।
आरोपी की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने दलील दी कि पिल्लई को जेल में रखने के लिए कोई भी सबूत नहीं है।
मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।
आठ जून को, यहां एक निचली अदालत ने पिल्लई की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी भूमिका कुछ अन्य आरोपियों की तुलना में अधिक गंभीर थी, जो अभी भी जेल में हैं। निचली अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, ईडी का मामला सही मालूम पड़ता है।
ईडी ने मामले में दाखिल अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि पिल्लई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद के. कविता के करीबी सहयोगी थे।
भाषा शफीक नेत्रपाल
नेत्रपाल
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