प्रयोग, अभ्यास, अनुसंधान, आईएसएस पर एक्सिओम-4 चालक दल के अंतिम दिन
प्रयोग, अभ्यास, अनुसंधान, आईएसएस पर एक्सिओम-4 चालक दल के अंतिम दिन
नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के चालक दल के अन्य सदस्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने अंतिम दिनों का अधिकतम लाभ उठा रहे हैं और प्रयोगों की विस्तृत श्रृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं जो अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को आकार दे सकते हैं।
ड्रैगन अंतरिक्ष यान चार अंतरिक्ष यात्रियों के दल को लेकर 26 जून को आईएसएस पहुंचा था। मिशन का नेतृत्व कर रहे ‘एक्सिओम स्पेस’ द्वारा ‘एक्स’ पर अद्यतन की गई जानकारी के अनुसार, यह सोमवार, 14 जुलाई को सुबह 7:05 बजे ईटी (4:35 बजे भारतीय समयानुसार) से पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अलग होने वाला है।
उम्मीद है कि शुक्ला और अन्य तीन अंतरिक्ष यात्री ‘अनडॉकिंग’ से लगभग दो घंटे पहले अंतरिक्ष यान में सवार होंगे, अपने अंतरिक्ष सूट पहनेंगे और पृथ्वी पर अपनी यात्रा शुरू करने से पहले आवश्यक परीक्षण करेंगे।
आईएसएस 28,000 किमी प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे धीमी गति में आने के लिए स्वत: ‘अनडॉकिंग’ प्रक्रिया शुरू करेगा तथा एक निर्दिष्ट स्थान पर उतरने के लिए पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा।
एक्सिओम स्पेस ने एक बयान में कहा कि शुक्ला ने सूक्ष्म शैवाल प्रयोग पर काम किया जो एक दिन अंतरिक्ष अभियानों के लिए भोजन, ऑक्सीजन और जैव ईंधन प्रदान कर सकते हैं।
इसने कहा कि सूक्ष्म शैवाल का लचीलापन उन्हें पृथ्वी से परे जीवन को बनाए रखने के लिए एक आशाजनक माध्यम बनाता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में कहा गया, ‘‘व्यायाम अनुसंधान और स्पेससूट रखरखाव बृहस्पतिवार को ‘एक्सपेडिशन 73’ और ‘एक्सिओम मिशन 4’ (एक्स-4) चालक दल के कार्यक्रम में सबसे ऊपर रहे।’’
वहीं, एक अन्य अध्ययन मस्तिष्क रक्त प्रवाह पर केंद्रित है, जिसमें जांच की गई है कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और कार्बन डाइऑक्साइड का ऊंचा स्तर हृदय संबंधी कार्य को कैसे प्रभावित करता है, जिससे बाद में अंतरिक्ष यात्रियों और पृथ्वी पर रोगियों दोनों को लाभ हो सकता है।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव

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