Writer Prafulla Roy Passed Away: मशहूर लेखक का हुआ निधन, साहित्य जगत में दौड़ी शोक की लहर, सीएम ने जताया दुख
Writer Prafulla Roy Passed Away: प्रसिद्ध बंगाली लेखक प्रफुल्ल रॉय का निधन हो गया। प्रफुल्ल रॉय ने 91 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह
Writer Prafulla Roy Passed Away/Image Credit: @AIRNewsHindi X Handle
- प्रसिद्ध बंगाली लेखक प्रफुल्ल रॉय का निधन हो गया।
- प्रफुल्ल रॉय ने 91 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
- प्रफुल्ल रॉय लंबे समय से बीमार थे।
कोलकाता: Writer Prafulla Roy Passed Away: लेखन और साहित्य की दुनिया से जुड़ी एक बड़ी और दुखद खबर निकलकर सामने आ रही है। दरअसल, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध बंगाली लेखक प्रफुल्ल रॉय का निधन हो गया। प्रफुल्ल रॉय ने 91 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जा रहा है प्रफुल्ल रॉय लंबे समय से बीमार थे और मार्च महीने से अस्पताल में भर्ती थे। प्रफुल्ल रॉय के निधन से बंगाली साहित्य जगत में शोक की लहर है। प्रफुल्ल रॉय का जन्म 1934 में ब्रिटिश भारत के विक्रमपुर (अब बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले) में हुआ था। विभाजन के बाद उन्होंने 1950 के दशक में कोलकाता को अपना ठिकाना बनाया।
सामान्य जन की असामान्य कहानी थी प्रफुल्ल रॉय की पहचान
Writer Prafulla Roy Passed Away: आपको बता दें कि, प्रफुल्ल रॉय की लेखनी का केंद्र मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय बंगालियों के जीवन से जुड़ा रहा। उन्होंने बिहार के वंचित और शोषित वर्गों के बीच वर्षों समय बिताया। इतना ही नहीं प्रफुल्ल रॉय न उनके जीवन को भी अपनी कहानियों का हिस्सा बनाया। यही उनकी साहित्यिक पहचान थी – सामान्य जन की असामान्य कहानी।
प्रफुल्ल रॉय का निधन
प्रसिद्ध साहित्यकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता प्रफुल्ल रॉय का आज कोलकाता के एक निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया।
उनकी उल्लेखनीय कृतियों में इखाने पिंजर, आदमी और औरत, चराचर, क्रांतिकारी और अन्य शामिल हैं pic.twitter.com/pNXj4AiVnk
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) June 19, 2025
सीएम ममता बनर्जी ने जताया निधन पर शोक
Writer Prafulla Roy Passed Away: लेखक प्रफुल्ल रॉय के निधन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है। सीएम मानता बनर्जी ने कहा कि, “प्रफुल्ल रॉय की रचनाओं में शरणार्थियों का दुःख, संघर्ष और मानवीय पीड़ा स्पष्ट दिखाई देती थी. ‘केया पातर नौको’ उनकी कालजयी कृति है।” उन्होंने यह भी याद किया कि राज्य सरकार ने 2012 में एक समारोह में उन्हें सम्मानित किया था। साथ ही यह भी कहा कि रॉय कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं से जुड़े रहे और उन्हें अपनी लेखनी से समृद्ध किया।“

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