फारूक अब्दुल्ला ने भारत के हज कोटे में कटौती की खबरों के बीच प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की |

फारूक अब्दुल्ला ने भारत के हज कोटे में कटौती की खबरों के बीच प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

फारूक अब्दुल्ला ने भारत के हज कोटे में कटौती की खबरों के बीच प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

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Modified Date: April 14, 2025 / 08:06 PM IST
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Published Date: April 14, 2025 8:06 pm IST

(जेहरा शफी)

श्रीनगर, 14 अप्रैल (भाषा) भारत का हज कोटा अचानक घटाने के संबंध में सऊदी अरब से आ रही खबरों के मद्देनजर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर मुसलमान का सपना होता है कि वह जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा पर जाए। अब्दुल्ला ने यहां अपने आवास पर ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह इस मामले को उठाएं, क्योंकि वह उस देश (सऊदी अरब नेतृत्व) के करीब हैं।’’

वह रविवार को कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे, जबकि इस मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें (प्रधानमंत्री को) उनसे (सऊदी अरब के नेतृत्व से) आग्रह करना चाहिए कि यह मुद्दा हजारों लोगों से जुड़ा है…वे पैसे बचाते हैं ताकि वे इस पवित्र तीर्थयात्रा पर जा सकें। वहां जाना हर मुसलमान का सपना होता है।’’

हाल ही में लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि यह कानून के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह (अधिनियम) संविधान के खिलाफ है और हमने अपील की थी कि इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। अब हमारी पार्टी ने अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है और हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।’’

उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर का भी बचाव किया, जिन्होंने सदन में अधिनियम पर चर्चा की अनुमति नहीं दी और कहा, ‘‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा विधानसभा में नहीं हुई क्योंकि यह मामला पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में है।’’

जम्मू में सात से नौ अप्रैल तक बजट सत्र के आखिरी तीन दिन हुए हंगामे को विपक्ष द्वारा ‘फिक्स मैच’ बताए जाने पर, नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या विपक्ष ने कभी आत्मचिंतन किया है?’’

उन्होंने महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का नाम लिए बिना कहा, ‘‘कौन जिम्मेदार है? किसने औकाफ को राज्य वक्फ बोर्ड में बदल दिया? यह यहां रहने वाले मुसलमानों की संपत्ति थी। अगर उन्होंने केंद्र (भाजपा) से हाथ नहीं मिलाया होता, तो अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया जाता।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष 2003 में पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान जम्मू-कश्मीर मुस्लिम औकाफ ट्रस्ट को राज्य के स्वामित्व वाले जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड में बदलने का जिक्र कर रहे थे।

भाजपा पर मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार हमेशा हिंदू-मुस्लिम राजनीति करके चुनाव जीतने के लिए मुसलमानों को निशाना बनाती रही है। जब तक वे नफरत फैलाना बंद नहीं करेंगे, यह देश खतरे में है।’’

जम्मू क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हाल ही में हुई मुठभेड़ों पर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा कह रही थी कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है, लेकिन अब वे प्रावधान खत्म हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी देश (पाकिस्तान) ऐसा कर रहा है। हमने उनसे इसे रोकने और हमें शांति से रहने देने की अपील की ताकि हम आगे बढ़ सकें और अपने जीवन में प्रगति कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस समस्या का समाधान क्या है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) पाकिस्तान से बात करने के लिए भी तैयार नहीं हैं।’’

अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि भूमि घोटाला मामले में पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नेकां नेता और सांसद आगा रूहुल्लाह का नाम शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्हें नोटिस क्यों भेजा गया।’’

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)