एफएटीएफ ने पहलगाम हमले की निंदा की, आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने पर जोर दिया

एफएटीएफ ने पहलगाम हमले की निंदा की, आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने पर जोर दिया

Modified Date: June 16, 2025 / 07:17 PM IST
Published Date: June 16, 2025 7:17 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) वैश्विक निगरानी संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने अप्रैल में पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि उसने अपना ध्यान आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए विभिन्न देशों द्वारा उठाए गए कदमों की प्रभावशीलता पर केंद्रित किया है।

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ने एक बयान में कहा, ‘‘आतंकवादी दुनिया भर में लोगों की जान लेते और भय पैदा करते हैं। एफएटीएफ ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसकी निंदा की है। यह और हाल में हुए अन्य हमले, बिना पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच धन के हस्तांतरण के बिना नहीं हो सकते हैं।’’

भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लगातार समर्थन दिए जाने और हथियारों की खरीद के लिए धन मुहैया कराने की बात को उजागर किया है। एफएटीएफ का यह बयान उसकी पृष्ठभूमि में आया है।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा की गई ऐसी कार्रवाई के लिए देश को एफएटीएफ की ‘‘ संदिग्ध सूची’ में डाल दिया जाना चाहिए।

पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी।

भारत ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी है और यह बात तब भी स्पष्ट हुई, जब सात मई को भारतीय सैन्य हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे।

एएफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) की 25 अगस्त को होने वाली बैठक और 20 अक्टूबर को समूह की अगली पूर्ण बैठक और कार्य समूह की बैठक से पहले, भारत धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण विरोधी एफएटीएफ मानदंडों के संबंध में पाकिस्तान द्वारा की गई चूक पर एक दस्तावेज (डोजियर) तैयार कर रहा है।

पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डालने के लिए भारत एफएटीएफ को आवेदन देगा। वर्तमान में, एफएटीएफ की संदिग्ध सूची में 24 देश हैं। इन देशों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

एफएटीएफ के संदिग्ध सूची में पाकिस्तान का इतिहास फरवरी 2008 से शुरू होता है, जब इसे निगरानी सूची में रखा गया था। जून 2010 में उसे सूची से हटा दिया गया, लेकिन फरवरी 2012 में उसे वापस शामिल किया गया और फिर फरवरी 2015 में हटा दिया गया।

जून 2018 में उसे तीसरी बार फिर सूची में शामिल किया गया और बाद में अक्टूबर 2022 में हटा दिया गया। एफएटीएफ धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था है और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करती है।

भाषा अविनाश दिलीप

दिलीप

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