पहले मतदाता हैं, उसके बाद पार्टी: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने कहा

पहले मतदाता हैं, उसके बाद पार्टी: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने कहा

पहले मतदाता हैं, उसके बाद पार्टी: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने कहा
Modified Date: May 27, 2024 / 10:39 am IST
Published Date: May 27, 2024 10:39 am IST

(भानु पी लोहुमी)

शिमला, 27 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की लगातार आलोचना का सामना कर रहे और कांग्रेस से अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर करारा जवाब देने का संकल्प लिया है।

कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों – राजिंदर राणा (सुजानपुर), सुधीर शर्मा (धर्मशाला), रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति), इंदर दत्त लखनपाल (बड़सर), चैतन्य शर्मा (गगरेट) और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलैहड़) ने 27 फरवरी को भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।

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इसके दो दिन बाद उन्हें विधानसभा में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। ये बागी विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें उनकी संबंधित विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए टिकट दिया है।

भाजपा के पक्ष में मतदान करने के बाद से सुक्खू इन नेताओं की लगातार आलोचना कर रहे है। उन्होंने पार्टी के इन छह पूर्व विधायकों को कांग्रेस को अस्थिर करने की कोशिश करने वाले ‘‘काले नाग’’ की संज्ञा दे दी। इन पूर्व विधायकों को ‘‘बिके हुए’’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ये नेता ‘‘सम्मान’’ नहीं, ‘‘ब्रीफकेस’’ के भूखे हैं।

सुक्खू ने यह भी आरोप लगाया है कि छह बागी नेताओं को अपने वोट बेचने के लिए 15-15 करोड़ रुपये मिले थे।

कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने कहा, ‘‘जिन मतदाताओं ने हमें चुना है, हमारे लिए वे पहले हैं और फिर पार्टी है। अगर मुख्यमंत्री के पास कोई सबूत है तो उन्हें अनावश्यक टिप्पणी करके लोगों को गुमराह करने के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए।’’

इन बागी नेताओं ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अपने मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करना उनकी प्राथमिकता है।

चैतन्य शर्मा ने कहा, ‘‘जनता ने हमें वोट दिया और उनकी अपेक्षाओं को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है, चाहे हम भाजपा में हों, कांग्रेस में हों या निर्दलीय हों। महिलाएं और युवा हमसे 1,500 रुपये प्रति माह और एक लाख नौकरियां मांग रहे हैं (जिनका वादा किया गया था), लेकिन हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं है।’’

उन्होंने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा केंद्रों की स्थिति खराब कर दी गई है और विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि छह महीने से रुकी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब मुख्यमंत्री बदला लेना चाहते हैं क्योंकि उनके पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है।’’

भुट्टो ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि यदि उनके पास सबूत हैं तो वह गलत आरोप लगाकर लोगों को गुमराह करने के बजाय कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार उसी तरह गिर जाएगी जैसे वह बहुमत में होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव हार गई थी।’’

लाहौल-स्पीति से उम्मीदवार ठाकुर ने दावा किया कि कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

उन्होंने सुक्खू पर भी हमला करते हुए कहा कि नवंबर 2022 में सत्ता संभालने के बाद से राज्य की कांग्रेस सरकार ने 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि पार्टी विधायकों को भी नहीं पता कि निधि का इस्तेमाल कहां किया जा रहा है।

सुधीर शर्मा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के अहंकार और हमारे विधानसभा क्षेत्रों के प्रति भेदभाव के कारण विधायकों ने विद्रोह किया।’’

उन्होंने दावा किया कि अगर राज्यसभा चुनाव में गुप्त मतदान होता तो और भी अधिक विधायक कांग्रेस के खिलाफ मतदान करते।

सुजानपुर से भाजपा उम्मीदवार राणा ने दावा किया कि सुक्खू ‘‘नकारात्मक मानसिकता’’ के साथ काम करते हैं।

लखनपाल ने भी संस्थानों की अधिसूचना रद्द करने और उनका दर्जा कम करने को लेकर सुक्खू की आलोचना की।

कुल 68 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के फिलहाल 34 सदस्य हैं जबकि भाजपा के 25 सदस्य हैं।

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव


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