पुणे से कोविड-19 के टीके ‘कोविशील्ड’ को लेकर पहला विमान दिल्ली पहुंचा

पुणे से कोविड-19 के टीके ‘कोविशील्ड’ को लेकर पहला विमान दिल्ली पहुंचा

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  • Publish Date - January 12, 2021 / 12:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नयी दिल्ली/पुणे, 12 जनवरी (भाषा) कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के तहत 16 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान से चार दिन पहले मंगलवार को ‘कोविशील्ड’ टीकों की 56 लाख से ज्यादा खुराक पुणे से देश के 13 शहरों में भेजने की शुरुआत की गयी।

‘स्पाइजेट’ का विमान सुबह करीब आठ बजे पुणे हवाईअड्डे से रवाना होने के बाद टीकों के साथ सुबह करीब 10 बजे दिल्ली हवाईअड्डे पहुंचा। इससे पहले तीन ट्रकों में इन टीकों को तड़के पांच बजे से कुछ समय पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से पुणे हवाईअड्डे के लिए रवाना किया गया था।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर कहा कि टीके के परिवहन का काम शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि चार विमानन कंपनियां पुणे से देश के 13 शहरों में कोविड-19 टीकों की 56.5 लाख खुराक ले जाने के लिए मंगलवार को नौ उड़ानें संचालित करेंगी।

‘ऑक्सफोर्ड‘ विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कम्पनी ‘एस्ट्राजेनेका’ ने ‘कोविशील्ड’ टीके को विकसित किया है और एसआईआई इसका निर्माण कर रहा है।

मंत्री ने सुबह में कहा कि पुणे से ‘स्पाइजेट’ के विमान के दिल्ली और ‘गोएयर’ के विमान के टीके लेकर चेन्नई के लिए सुबह रवाना होने के साथ ही इस अभियान की शुरुआत हुई।

‘स्पाइजेट’ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह बताते हुए बेहद खुश हूं कि ‘स्पाइजेट’ ने आज, भारत की कोविड-19 के टीकों की पहली खेप को लेकर उड़ान भरी। पहली खेप में ‘कोविशील्ड’ के 1088 किलोग्राम के 34 डिब्बे थे, जो ‘स्पाइजेट’ की विमान संख्या-8937 में पुणे से दिल्ली लाए गए।’’

विमान कंपनी ने एक बयान में कहा कि दिल्ली की उड़ान के बाद विमान कंपनी विभिन्न शहरों के लिए पहले दिन की खेप में करीब 11 टन की कोविशील्ड की 40 लाख खुराकों को पहुंचाएगी।

स्पाइसजेट का विमान दिन में करीब 10 बजे टीकों को लेकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। इस विमान ने सुबह करीब आठ बजे राष्ट्रीय राजधानी के लिए उड़ान भरी थी।

टीकों को सीरम इंस्टीट्यूट से रवाना करने से पहले पूजा भी की गई थी।

पुणे हवाईअड्डे से इन टीकों को हवाई मार्ग के जरिए भारत के अन्य हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है।

पुणे हवाईअड्डे की ओर से ट्वीट किया गया, ‘‘वायरस को खत्म करने वाले टीकों को देश भर में पहुंचाने के लिए विमान में रखा जा रहा है।’’

‘स्पाइजेट’ के अलावा ‘गोएयर’, ‘इंडिगो’ और ‘एअर इंडिया’ के विमान भी टीकों को पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

‘एअर इंडिया’ ने कहा कि टीकों की 2,76,000 खुराक की पहली खेप पुणे से अहमदाबाद ले जाई गईं। इनका वजन 700 किलोग्राम था।

‘इंडिगो’ ने बताया कि विमान संख्या 6ई6515 और 6ई882 में क्रमश: 900 किलोग्राम वजनी टीकों की खेप पुणे से चंडीगढ़ और लखनऊ ले जायी गयी।

स्पाइसजेट के सीएमडी ने कहा, ‘‘हम गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, भुवनेश्वर, बेंगलुरु, पटना और विजयवाड़ा सहित भारत के विभिन्न शहरों में आज टीकों की खेप पहुंचाएंगे। ‘स्पाइजेट’ देश के अंदर और बाहर कोविड टीके पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध और तैयार है।’’

स्पाइसजेट ने कहा कि उसके विमान गुवाहाटी के लिए 276,000 खेप, कोलकाता के लिए 996,000 खेप, हैदराबाद के लिए 372,000 खेप, भुवनेश्वर के लिए 480,000 खेप, बेंगलुरु के लिए 648,000 खेप, पटना के लिए 552,000 खेप और विजयवाड़ा के लिए 408,000 खेप पहुंचाएंगे।

गो एयर ने भी पुणे से चेन्नई के लिए 70,000 शीशियों की खेप को पहुंचाने की शुरुआत की

गोएयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने एक बयान में कहा, ‘‘गोएयर को जीवन रक्षक कोविड-19 टीकों के परिवहन की जिम्मेदारी मिलने से हम अभिभूत हैं। हम आभारी हैं कि हमें वैक्सीन अभियान में योगदान करने का अवसर मिला।’’

गोएयर ने कहा कि कंपनी देश के सभी संभावित हिस्सों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

केन्द्र सरकार ने देश में 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान से पहले सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 टीके की छह करोड़ से अधिक खुराक के लिए ऑर्डर दिया था। इस ऑर्डर की कुल कीमत करीब 1,300 करोड़ रुपये होगी।

भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ तालमेल से स्वदेशी कोवैक्सीन टीका को विकसित किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की थी और कहा था कि कोविड-19 के लिए टीकाकरण पिछले तीन-चार हफ्तों से लगभग 50 देशों में चल रहा है और अब तक केवल ढाई करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं जबकि भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाना है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश