गुवाहाटी : असम में रविवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। राज्य के लगभग 25 लाख लोग अब भी बाढ़ की चपेट में हैं, हालांकि कुछ इलाकों में नदियों का जलस्तर कम हो रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दिन के दौरान बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित कछार जिले के सिलचर का दौरा किया और बराक घाटी शहर में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के ताज़ा बुलेटिन के अनुसार, राज्य के 27 बाढ़ प्रभावित जिलों में 25 लाख से अधिक लोग अभी भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जिनमें 79 राजस्व मंडल और 2,894 गांव शामिल हैं।
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पिछले दो सप्ताह से बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्य के 637 राहत शिविरों में 2.33 लाख लोगों ने शरण ले रखी है। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि 259 वितरण केंद्रों या अस्थायी रूप से खोले गए बिंदुओं के माध्यम से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), दमकल और आपातकालीन सेवाएं, पुलिस और एएसडीएमए स्वयंसेवक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
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बुलेटिन में कहा गया है कि विभिन्न एजेंसियों ने अब तक 67,237 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। असम के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के कारण शनिवार को चार और लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। एएसडीएमए ने कहा कि कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले से ताज़ा भूस्खलन की सूचना मिली है।
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पिछले 24 घंटों के दौरान, राज्य में औसतन सात मिमी बारिश हुई है। केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव के धरमतुल में कोपिली नदी, करीमगंज में बीपी घाट पर बराक और कछार में एपी घाट तथा करीमगंज शहर में इसकी सहायक कुशियारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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