पानी की तरह बहें, बम की तरह न फटें: राहुल गांधी के ‘एटम बम’ वाले बयान पर भाजपा

पानी की तरह बहें, बम की तरह न फटें: राहुल गांधी के ‘एटम बम’ वाले बयान पर भाजपा

पानी की तरह बहें, बम की तरह न फटें: राहुल गांधी के ‘एटम बम’ वाले बयान पर भाजपा
Modified Date: August 1, 2025 / 04:58 pm IST
Published Date: August 1, 2025 4:58 pm IST

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस दावे पर कि उनकी पार्टी के पास चुनावी गड़बड़ियों को साबित करने के लिए ‘परमाणु बम’ जैसा सबूत है, भाजपा ने शुक्रवार को तंज कसते हुए कहा कि उन्हें ‘बम की तरह फटने’ के बजाय ‘पानी की तरह बहना’ चाहिए।

सत्तारूढ़ पार्टी ने निर्वाचन आयोग को निशाना बनाने के लिए “अलोकतांत्रिक और अशोभनीय” भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भी राहुल पर तीखा प्रहार किया।

उसने कहा, “अगर वे बम धमाका करेंगे, तो हम संविधान को बचाएंगे।”

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भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता के उस दावे के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के पास चुनाव आयोग द्वारा की गई कथित चुनावी गड़बड़ियों के ‘स्पष्ट और निर्णायक’ सबूत हैं। गांधी ने इन साक्ष्यों की तुलना ‘परमाणु बम’ से करते हुए कहा कि जब यह फटेगा तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी।

कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, “क्या राहुल गांधी बम की तरह फटेंगे? आपको क्या लगता है? उनका काम तो फटना है। उनके पास और कोई काम नहीं है।”

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ऐसी बातें इसलिए करता है, क्योंकि उसे लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।

पात्रा ने यहां भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, “जरा सोचिए यह कैसी भाषा है : मेरे (राहुल गांधी) पास निर्वाचन आयोग के खिलाफ (‘वोट चोरी’ में शामिल होने के) सबूतों का ‘एटम बम’ है!”

उन्होंने कहा, “आप (राहुल गांधी) कहते कि ‘मैं निर्वाचन आयोग के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करूंगा’ या ‘मैं इसके खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करूंगा’, लेकिन ‘बम फोड़ने की बात’? (राहुल गांधी की यह) भाषा ही अलोकतांत्रिक और अपमानजनक है।”

पात्रा ने कहा कि राहुल ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उससे पता चलता है कि “ये लोग बम की तरह फटना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “हम वो लोग हैं, जिनकी लोकतंत्र में आस्था है। अगर वे ‘परमाणु बम’ फोड़ेंगे, तो हम संविधान की रक्षा करेंगे।”

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश


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