25 साल की सेवा वाले अधिकारियों में क्षमता निर्माण पर जोर : जितेंद्र सिंह
25 साल की सेवा वाले अधिकारियों में क्षमता निर्माण पर जोर : जितेंद्र सिंह
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार उन अधिकारियों में क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिनकी 25 साल की सेवा बाकी है, क्योंकि वे भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में अपनी पूरी ऊर्जा और क्षमता लगा सकते हैं।
यहां विज्ञान भवन में 16वें सिविल सेवा दिवस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिए ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के मंत्र में यकीन रखती है, जिसमें सरकार एक सहायक के रूप में कार्य करती है, न कि डराने वाले के रूप में।
उन्होंने कहा, “जब हम इस तरह की सरकार की बात करते हैं, तो इसका मतलब अधिक पारदर्शिता, अधिक जवाबदेही और उससे भी कहीं ज्यादा, अधिक जनभागीदारी से होता है।”
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि 30 से 35 साल की उम्र के अधिकारियों में ‘क्षमता निर्माण पर ज्यादा जोर होना चाहिए’, क्योंकि भारत के अपनी आजादी के 100 साल का जश्न मनाने से पहले उनके पास कुछ करने के लिए 25 साल बचे हैं और उन्हें 2047 तक भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने की खुशकिस्मती हासिल है।
उन्होंने कहा, “अधिकारियों के इस समूह में क्षमता निर्माण में योगदान देना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम प्रभावी ढंग से ऐसा करने में सफल होते हैं, तो हम ‘इंडिया एट 2047’ की अवधारणा के साथ न्याय करेंगे।”
दो दिवसीय सिविल सेवा दिवस-2023 का विषय ‘विकसित भारत : नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना’ है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को सिविल सेवा दिवस पर देश को संबोधित करेंगे। इस दौरान, वह वर्ष 2022 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पुरस्कारों की पात्रता को नए सिरे से तय करने में काफी समय और ऊर्जा की खपत की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उच्च योग्यता वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाए, मूल्यांकन प्रक्रिया मजबूत हो और भागीदारी समावेशी हो।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 के लिए कुल 2,520 नामांकन मिले हैं, जिनमें से 15 को पुरस्कृत किया जाएगा।
बृहस्पतिवार के कार्यक्रम की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की। इसमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास सहित कई अन्य अधिकारी शामिल हुए।
भाषा पारुल नरेश
नरेश

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