नई दिल्ली: पत्नी से जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाने के एक अहम मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है। कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि पत्नी से जबरन अप्राकृतिक सेक्स करना जघन्य अपराध है, खासकर तब जब यह मामला आत्मत्या का कारण बन जाए।
सीजेआई की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि सेक्शन 377 (रेप) एक बहुत ही गंभीर अपराध है और आरोपी पति जांच जारी रहने के समय किसी प्रकार की उदारता का पात्र नहीं है। बेंच ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि पुलिस क्या कर रही है। आपने दहेज मांगना शुरू किया। जब उसके (पत्नी) घरवाले पूरा नहीं कर सके, तो पति ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया और उसे (पत्नी को) ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। सबसे गंभीर यह है कि पति ने कथित तौर पर पत्नी के साथ अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाया और बाद में पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। ऐसे में पति किसी भी तरह की दया का पात्र नहीं है क्योंकि यह एक जघन्य अपराध है।’
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बता दें कि साल 2019 में हरियाणा के भिवानी जिले में पीड़िता के भाई ने आईपीसी की धाराओं 148, 149, 323, 377 और 306 के तहत सदर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई थी।
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10 hours ago