S JAISHANKAR ON INDIA-RUSSIA OIL BUSINESS: विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। इसी बीच उन्होंने भारत और रूस के बीच तेल कारोबार को लेकर बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने अपने बयान में मंगलवार को कहा कि ‘यह सुनिश्चित करना नई दिल्ली का “मौलिक दायित्व” है कि भारतीय उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल बाजारों में ‘सबसे फायदेमंद’ शर्तों पर सर्वोत्तम डील प्राप्त हो। भारतीय विदेश मंत्री ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव की मौजूदगी में कहा कि मास्को से तेल खरीदना भारत के लिए ‘फायदेमंद’ है और वह इसे जारी रखना चाहेंगे।
दरअसल भारत ने पिछले कुछ महीनों में रूस से रियायती कच्चे तेल का आयात कई पश्चिमी शक्तियों द्वारा इस पर बढ़ती बेचैनी के बावजूद बढ़ाया है। ऐसे में मास्को में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे जयशंकर से पश्चिमी देशों के आक्रोश के बीच भारत के बढ़ते तेल आयात के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में, काफी ईमानदारी से, हमने देखा है कि भारत-रूस संबंधों ने हमारे लाभ के लिए काम किया है। इसलिए अगर यह मेरे फायदे के लिए काम करता है तो मैं इसे जारी रखना चाहूंगा।’
S JAISHANKAR ON INDIA-RUSSIA OIL BUSINESS: इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘तेल आपूर्ति के मुद्दे के संबंध में, सबसे पहली बात तो यह कि ऊर्जा बाजारों पर तनाव है। यह ऐसा तनाव है, जिसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। लेकिन आज दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल और गैस उपभोक्ता के रूप में, एक उपभोक्ता जहां आय का स्तर बहुत अधिक नहीं है, यह सुनिश्चित करना हमारा मौलिक दायित्व है कि भारतीय उपभोक्ता की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सबसे फायदेमंद शर्तों पर सर्वोत्तम संभव पहुंच हो।’
S JAISHANKAR ON INDIA-RUSSIA OIL BUSINESS: बता दें कि रूस अक्टूबर में सऊदी अरब और इराक जैसे परंपरागत विक्रेताओं को पछाड़कर भारत का टॉप ऑयल सप्लायर बन गया है। अक्टूबर के दौरान रूस ने भारत को 935,556 बैरल प्रति दिन (BPD) कच्चे तेल की सप्लायर की है। यह उसके द्वारा भारत को कच्चे तेल की अब तक की सर्वाधिक आपूर्ति है।
बता दें कि बीते वित्त वर्ष के दौरान भारत द्वारा आयात किए गए सभी तेल में रूस के तेल का सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सा था। यह अब बढ़कर भारत के कुल कच्चे तेल के आयात का 22 प्रतिशत हो गया है, जो इराक के 20.5 प्रतिशत और सऊदी अरब के 16 प्रतिशत से अधिक है।
भारत ने दिसंबर 2021 में रूस से प्रति दिन केवल 36,255 बैरल कच्चे तेल का आयात किया, जबकि इराक से 10.5 लाख बैरल और सऊदी अरब से 952,625 बैरल प्रति दिन का आयात किया गया था।
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