जाली दस्तावेज मामला: कनाडा का रहने वाला एजेंट अहमदाबाद में गिरफ्तार

जाली दस्तावेज मामला: कनाडा का रहने वाला एजेंट अहमदाबाद में गिरफ्तार

जाली दस्तावेज मामला: कनाडा का रहने वाला एजेंट अहमदाबाद में गिरफ्तार
Modified Date: October 3, 2025 / 04:37 pm IST
Published Date: October 3, 2025 4:37 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने जाली दस्तावेज के आधार पर नौ भारतीयों को विदेश भेजने के छह साल पुराने मामले में वांछित एक एजेंट को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान गुरअमृतपाल सिंह मुल्तानी उर्फ ​​पाली (54) के रूप में हुई है, जो कनाडा का रहने वाला है।

उन्होंने कहा, “पाली 2019 में दर्ज एक मामले में वांछित था, जिसमें नौ भारतीयों को जाली निरंतर निर्वहन प्रमाणपत्र (सीडीसी) रखने के आरोप में इथियोपिया से निर्वासित किया गया था, जो कथित तौर पर समोआ सरकार के नाम पर जारी किए गए थे।”

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अधिकारी के मुताबिक, पाली को भारत लौटने के तुरंत बाद 29 सितंबर को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया और बृहस्पतिवार को उसे नयी दिल्ली लाया गया।

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पाली ने बताया कि वह एक समय राष्ट्रीय स्तर का कबड्डी खिलाड़ी था और पंजाब में एक विश्वविद्यालय तथा कनाडा में एक खेल क्लब का प्रतिनिधित्व कर चुका है।

अधिकारी के अनुसार, पाली ने बताया कि बाद में वह त्वरित लाभ के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को विदेश भेजने लगा।

पुलिस ने बताया कि पाली 1995 में अपने परिवार के साथ कनाडा चला गया और 1999 में स्थायी निवास का अधिकार हासिल कर लिया।

उसने कहा, “2019 में पाली ने जालंधर के अपने सहयोगी मंजीत के माध्यम से दो यात्रियों के लिए फर्जी सीडीसी की व्यवस्था की और प्रत्येक से 20 लाख रुपये लिए। इस मामले में पहले ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।”

पुलिस के मुताबिक, पाली के खिलाफ इसी तरह के सात मामले हैं, जिनमें से ज्यादातर 2009 और 2021 के बीच आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज किए गए।

उसने बताया, “2019 का मामला हमारे आव्रजन अधिकारियों की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जब समोआ सरकार ने पुष्टि की थी कि निर्वासित यात्रियों से बरामद सीडीसी जाली थे।”

पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान दो यात्रियों ने खुलासा किया कि पाली ही वह एजेंट था, जिसने दस्तावेजों की व्यवस्था की थी। उसने बताया कि कनाडा में रह रहा पाली वर्षों से गिरफ्तारी से बचता आ रहा था।

पुलिस ने कहा कि पाली और उसके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने के लिए मामले की जांच जारी है।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश


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