पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद कुमार 12 वीं बार ओडिशा आवास घोटाले में दोषी ठहराये गये

पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद कुमार 12 वीं बार ओडिशा आवास घोटाले में दोषी ठहराये गये

पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद कुमार 12 वीं बार ओडिशा आवास घोटाले में दोषी ठहराये गये
Modified Date: December 26, 2025 / 10:33 pm IST
Published Date: December 26, 2025 10:33 pm IST

भुवनेश्वर, 26 दिसंबर (भाषा) भुवनेश्वर की एक विशेष सतर्कता अदालत ने शुक्रवार को ओडिशा ग्रामीण आवास विकास निगम (ओआरएचडीसी) के पूर्व प्रबंध निदेशक पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद कुमार और पांच अन्य लोगों को आवास घोटाले के मामले में दोषी पाया।

ओआरएचडीसी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में कुमार को 12वीं बार दोषी ठहराया गया है। वह सतर्कता विभाग के 15 अन्य लंबित मामलों में भी आरोपी हैं।

सतर्कता विभाग के एक बयान में कहा गया है कि दोषी ठहराए गए छह व्यक्तियों को ग्रामीण गरीबों से संबंधित आवास योजनाओं हेतु आवंटित 52.95 लाख रुपये के दुरुपयोग का दोषी पाया गया है।

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अदालत ने हर दोषी को तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।

पूर्व अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया तथा फर्जी और जाली दस्तावेज बनाकर निजी बिल्डर संग्राम केशरी साहू को अनुचित लाभ पहुंचाया।

इसलिए, भुवनेश्वर स्थित सतर्कता विभाग के विशेष न्यायाधीश ने सभी दोषी अधिकारियों और बिल्डर को दोषी ठहराया।

विनोद कुमार 1989 बैच के अधिकारी रहे हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते 2022 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। वर्ष 1999 में ओआरएचडीसी के प्रबंध निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने महाचक्रवात के बाद बड़े पैमाने पर ग्रामीण आवास परियोजनाओं के दौरान अनुचित साधनों का उपयोग करके 33.34 करोड़ रुपये की आवास निधि स्वीकृत की थी।

उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने राज्य में आए भीषण चक्रवात के बाद, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी, घरों के निर्माण/पुनर्निर्माण की जांच किए बिना रियल एस्टेट फर्मों/ठेकेदारों और गैर सरकारी संगठनों को ऋण दिए थे।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव


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